91 में से 16 कालोनियों का मामला पुलिस को सौंपने का दावा
डिजिटल डेस्क,कटनी। सभी नगरीय निकायों की अवैध कालोनियों को वैध करने प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों घोषणा की थी। इनके लिए मप्र नगरपालिका (कालोनी विकास) नियम 2021 का भी करीब एक साल पहले जनवरी 2022 में राजपत्र में प्रकाशन किया जा चुका है। कटनी नगर निगम क्षेत्र में ऐसी 91 अवैध कालोनियां चिन्हित हुई हैं जो 2016 के पहले बनी हैं। नियमों का राजपत्र में प्रकाशन हुए करीब एक साल हो रहा है लेकिन नगर निगम में अवैध कालोनियों को वैध करने कागजी खानापूर्ति भी नहीं हो सकी है।
नगर निगम ने सभी कालोनियों का प्रारंभिक प्रकाशन कराने के दावे किए हैं लेकिन कालोनाइजर के खिलाफ पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज कराने में अधिकारियों के हाथ-पैर फूल रहे हैं, क्योंकि इनमें कुछ रसूखदार भी हैं। कुर्सी बचाने के प्रयास में शासन के निर्देश के बाद भी अब तक किसी कालोनाइजर के खिलाफ एफआईआर नहीं हुई। हालांकि नगर निगम में 16 कालोनाइजर के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने के दावे किए हैं, एफआईआर की क्या स्थिति है, यह नगरनिगम के अधिकारियों को ही नहीं पता है।
ले आउट भी नहीं हो पाए पूरे नगर निगम को सभी कालोनियों के ले-आउट तैयार कर उनका प्रारंभिक प्रकाशन कराया जाना है। अब तक महज 13 कालोनियों के ले-आउट के प्रारंभिक प्रकाशन की बात कही जा रही है लेकिन वे हितग्राहियों को ढूंढने में नहीं मिल रहे हैं। नगर निगम ने यह भी दावा किया है कि कंसल्टेंट से 77 कालोनियों के ले आउट तैयार कराए जा चुके हैं। नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा का आलम यह है कि जिस कार्यपालन यंत्री को प्रभार सौंपा गया है, जिसे नियमों की ही जानकारी नहीं है।
विकास शुल्क का करना है निर्धारण
नगर निगम को अवैध कालोनियों में होने वाले अधो संरचना के कार्यों के लिए विकास शुल्क का निर्धारित किया जाना है। विकास शुल्क की वसूली के लिए शासन ने नियम स्पष्ट किए हैं। भवन/ भूखंड स्वामियों से विकास शुल्क, भवन अनुज्ञा शुल्क तथा शमन शुल्क से राशि प्राप्त की जाएगी। सांसदनिधि/ विधायकनिधि, शासन से प्राप्त अनुदान एवं अधिग्रहील की गई अनाधिकृत कालोनियों के विकास के लिए उत्तरदायी सम्पत्तियों के विक्रय से प्राप्त राशि विकास कार्य में खर्च की जाएगी।
Created On :   6 Jan 2023 6:14 PM IST