मार्गदर्शन: राष्ट्रीय शक्ति में निरंतर वृद्धि से ही राष्ट्र का समग्र उदय

राष्ट्रीय शक्ति में निरंतर वृद्धि से ही राष्ट्र का समग्र उदय
थल सेनाध्यक्ष मनोज कुमार पांडे ने आईआईएम में रखे विचार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) मिहान द्वारा जीरो माइल संवाद कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के सभागृह में किया गया। भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर केन्द्रित दो दिवसीय इस सेमिनार और व्याख्यान में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज कुमार पांडे ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रों के समूह में किसी भी देश की समृद्धि और उन्नति, उसके राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिमान से जटिल रूप से जुड़ी हुई है। सरल शब्दों में राष्ट्रीय सुरक्षा किसी राष्ट्र की अपनी स्वतंत्रता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा और संरक्षण करने की क्षमता है। बाहरी और आंतरिक खतरे और इसके राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है। इसकी संकल्पना किसी भी एक अनुशासन के दायरे से परे है, क्योंकि इसमें एक ओर राष्ट्र राज्य की नींव शामिल है, और दूसरी ओर अस्तित्व, कल्याण और अपने नागरिकों की समृद्धि।

सुरक्षा प्रभावित न हो : राष्ट्रीय सुरक्षा के घटक आयामों में आर्थिक सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, पर्यावरण सुरक्षा आदि शामिल हैं। किसी राष्ट्र का समग्र ‘उदय' तब कहा जा सकता है, जब उसकी व्यापक राष्ट्रीय शक्ति में उल्लेखनीय और निरंतर वृद्धि होती है। भारतीय सशस्त्र बल पूरी तरह से राष्ट्रीय दृष्टिकोण और उद्देश्यों से जुड़े हुए हैं। इसलिए सबसे महत्वपूर्ण निहितार्थ यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्र की सुरक्षा किसी भी तरह से प्रभावित न हो, ताकि राष्ट्र की प्रगति निर्बाध रूप से जारी रहे। राष्ट्र की प्रगति के पथ के संरक्षक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए, भारतीय सेना के लिए कुछ अनिवार्यताएं हैं, जिनके प्रति वह प्रतिबद्ध हैं और प्रतिबद्ध हैं। जब हम अपनी शताब्दी का जश्न मनाते हैं तो हमारा राष्ट्र एक विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने के संकल्प की कल्पना करता है।

Created On :   17 Dec 2023 11:03 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story