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सेहत: डॉक्टर ने कहा ठीक नहीं हो सकती बीमारी, योग से सब सही हो गया
- योग दिवस पर शहर में जगह-जगह कार्यक्रम
- स्वास्थ्य और योग का कनेक्शन, मार्गदर्शन
- योग की मुद्राओं और उसके फायदे बताए
चंद्रकांत चावरे, नागपुर। योग वो विधा है, जो हमारे कर्मों में कुशलता लाता है। हमें आत्मनिर्भर बनाता है। हमारा स्वाभिमान बढ़ाता है। योग का दायरा व्यापक और अनंत है। योग मन और शरीर के सामंजस्य, विचार और क्रिया के बीच संतुलन और संयम और पूर्ति की एकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह शरीर, मन, आत्मा और आत्मा को एकीकृत करता है, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है जो हमारे व्यस्त जीवन में शांति लाता है। शहर में कई ऐसे लोग हैं, जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे और डॉक्टर जवाब दे चुके थे, लेकिन वे सभी आज योगा करने से स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। भास्कर ने उनसे बातचीत की और उनसे योग के बारे में जानकारी ली।
योग करने से दोबारा नहीं आया अटैक : अजय मुंजे 64 साल के हैं। सितंबर 2010 में उन्हें पहली बार हार्टअटैक आया। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन नहीं कर सकते। मामला काफी गंभीर है। हार्ट की बायीं तरफ 100 फीसदी व दाहिनी तरफ 50 फीसदी ब्लॉकेज होना बताया गया। कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उन्हें छूट्टी दी गई। महीनाभर बाद फिर जांच के लिए गए। उस समय भी पूर्ववत स्थिति बताई गई। तब उन्हें किसी ने योग का सहारा लेने के लिए कहा। उन्हें योग गुरु ने योगाभ्यास व योगोपचार की सलाह दी। तबसे वे नियमित योग व योगोपचार कर रहे हैं। अब वे सामान्य हैं। दोबारा अटैक नहीं आया। योग से सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं।
योगोपचार से मिला नया जीवन : 64 साल के सुनील दाणी को 2008 में हार्ट अटैक आया। अस्पताल में 8 दिन उपचार चला। डॉक्टरों ने हालत देखते हुए ऑपरेशन असंभव बताया। किसी ने योगोपचार करने की सलाह दी। वे योग केंद्र पहुंचे। वहां योग गुरु ने उन्हें सरल योग व योगोपचार करने की सलाह दी। धीरे-धीरे वे सामान्य होने लगे। अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। दोबारा उन्हें कभी अटैक नहीं आया। उन्होंने बताया कि यहां उन्हें नया जीवन मिला है। 16 साल से नियमित योग कर रहे हैं। उन्हें घुटने का दर्द होने से डॉक्टरों ने घुटना प्रत्याराेपित करने को कहा था, लेकिन योग के कारण यह बीमारी भी पूरी तरह खत्म हो चुकी है।
20 हजार मरीजों को लाभ : योग के लिए अनेक केंद्र हैं। इनमें से एक जनार्दन स्वामी योगाभ्यासी मंडल है। 1951 में स्थापित इस मंडल के हजारों साधक हैं। योग मूर्ति जनार्दश स्वामी ने इसकी स्थापना की थी। वर्तमान में इस मंडल के अध्यक्ष राम खांडवे गुरुजी हैं। उन्होंने बताया कि मंडल में योग व योगोपचार के माध्यम से रोगियों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है। अनेक गंभीर बीमारियों को ठीक किया गया है। 20 हजार से अधिक मरीजों को योगोपचार से लाभ मिला है। वे स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। योगोपचार में संयम रखना जरूरी होता है।
Created On :   21 Jun 2024 3:15 PM IST