विदेशी स्कॉलरशिप: क्या चयनित छात्र अपात्र होंगे! सामाजिक न्याय विभाग ने आय सीमा न होने शर्त रद्द की

क्या चयनित छात्र अपात्र होंगे! सामाजिक न्याय विभाग ने आय सीमा न होने शर्त रद्द की
  • क्या सीएम हमें भी विशेष अवसर देंगे
  • छात्र की हाई कोर्ट में भी याचिका
  • तो गरीब छात्रों को इसमें मौका मिलता

डिजिटल डेस्क, नागपुर. 2003 में सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायक विभाग की ओर से अनुसूचित जाति के मेधावी लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए विदेशी स्कॉलरशिप शुरू की गई थी। इसके लिए एक आय सीमा (क्रीमिलेयर) निर्धारित की गई ताकि योग्य छात्र इससे लाभान्वित हो सकें। हालांकि राज्य सरकार ने 2015 में यह शर्त हटा दी थी। इसके लिए विदेश की क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग वाले टॉप 100 विश्वविद्यालय में प्रवेश की शर्त रखी गई। 2023-24 में कुल 74 चयनित छात्रों में 41 छात्र ऐसे चयनित किए गए जिनके परिवार की सालाना आय तय सीमा से कहीं ज्यादा है। ऐसे में इसका सीधा फायदा उच्च आय वाले वर्गों को भी मिला। विवाद उठने पर सामाजिक न्याय विभाग ने 30 अक्टूबर 2023 को जीआर जारी करते हुए फिर से क्रीमिलेयर की शर्त जोड़ दी। नए जीआर अनुसार सालाना आय 8 लाख तय की गई। ऐसे में अब अनेक सवाल उपस्थित किए जा रहे हैं। क्या सामाजिक न्याय विभाग 41 चयनित छात्रों को अपात्र घोषित करेगा या पुनः आवेदन मंगवाकर गरीब छात्रों को विदेश में शिक्षा लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा।

...तो गरीब छात्रों को इसमें मौका मिलता

विदेशी विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के लिए 74 छात्रों का स्कॉलरशिप के लिए चयन हुआ था। इससे वंचित रहे एक छात्र ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए। छात्र ने दैनिक भास्कर को बताया कि, राज्य सरकार द्वारा 16 जून 2015 को विदेश के टॉप 100 विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए आय सीमा की शर्त हटा दी गई। ऐसे में आर्थिक रूप से सक्षम परिवार के छात्रों का भी इसमें चयन हुआ। इसमें तत्कालीन एक मंत्री की बेटी और अधिकारी के बेटा का भी चयन हुआ था। अगर आय सीमा तय होती तो गरीब छात्रों को इसमें मौका मिलता।

पुनः आवेदन मंगाने का अधिकार सुरक्षित

विशेष यह है कि, विदेशी छात्रवृत्ति योजना के तहत परिवार की सालाना आय और छात्रों की संख्या में बढ़त होने से सरकार ने विज्ञापन में आवश्यक परिवर्तन करने तथा पुनः आवेदन मंगाने का अधिकार सुरक्षित रखा है। हालांकि सरकार इस अधिकार का उपयोग करेगी? यह भी सवाल उपस्थित किया जा रहा है। छात्राें के परिवार की सालाना आय लाखों में 2023-24 इस साल विदेशी छात्रवृत्ति योजना के तहत 74 छात्रों का चयन किया गया। इसके लिए परिवार की सालाना आय 6 लाख रुपये निर्धारित की गई थी। लेकिन विदेश के टॉप 100 विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए आय सीमा की शर्त हटा दी गई थी। इस कारण 41 छात्रों को चयन किया गया। आरटीआई में मिली जानकारी के आधार पर इन 41 छात्रों में 10 लाख, 22 लाख, 25 लाख, 32 लाख, 41 लाख, 61 लाख, 65 लाख रुपए वार्षिक आय वाले परिवार के छात्रों का चयन हुआ है।

क्या सीएम हमें भी विशेष अवसर देंगे

वंचित छात्र ने कहा कि, 74 छात्रों में से 41 छात्रों के परिवार की सालाना आय कहीं ज्यादा है, जो स्वयं के खर्च पर विदेश में पढ़ाई कर सकते हैं। ऐसे छात्रों को योजना का लाभ मिलेगा तो फिर हमारे जैसे गरीब छात्रों का क्या होगा? हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दुर्गम जिला माने जाने वाले गड़चिरोली जिले के लेडी ड्रायवर को विशेष अवसर प्रदान करते हुए विदेश में पढ़ाई करने के लिए भेजा था। क्या मुख्यमंत्री हमारे जैसे गरीब छात्रों को भी यह विशेष अवसर देंगे?

छात्र की हाई कोर्ट में भी याचिका

इस वंचित छात्र ने राज्य सरकार और सामाजिक न्याय विभाग के फैसले के विरोध में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। इस याचिका में विदेशी छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा न होने की शर्त रद्द करने की मांग की गई है।

Created On :   5 Feb 2024 4:50 PM IST

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