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बरसो रे मेघा-मेघा: रिमझिम बारिश के बाद मौसम हुआ सुहाना, शुुक्रवार को नागपुर में भारी बारिश की चेतावनी
- रिमझिम बारिश से सड़कें तरबतर
- नागपुर में भारी बारिश की चेतावनी
- पेड़ की शाखाएं काटने के नाम पर पेड़ ही साफ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गुरुवार को हुई रिमझिम बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया है। रिमझिम बारिश में ही सड़कों पर जगह-जगह गड्ढों में बारिश का पानी जमा हो गया है। मौसम विभाग ने शुक्रवार 19 जुलाई को जिले में भारी बारिश की चेतावनी दी है। बंगाल की खाडी में तैयार हुए साइक्लोनिक सर्कुलेेशन का असर नागपुर व आस-पास के जिलों में हो रहा है। यहीं वजह है कि बुधवार व गुरुवार को जिले में जगह-जगह बारिश हुई। वातावरण में ठंडक आने के साथ ही उमस से फौरी तौर पर राहत मिल गई है।
नागपुर में पानी निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से रिमझिम बारिश में ही सड़कों पर पानी जमा हो जाता है। जगह-जगह पानी जमा होने से यातायात भी प्रभावित होता है। आसमान में बादल छाए रहने से दिन भर उमस से राहत मिली। मौसम विभाग ने 19 जुलाई को मौसम का रेड अलर्ट घोषित किया है। जिले में तेज हवा के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी है। शुक्रवार को दिन भर आसमान में बादल छाए रहेंगे। रेड अलर्ट के चलते शुक्रवार को शहर वासियों को घर से बाहर निकलते समय सतर्क रहने व रेन कोट लेकर निकलने का परामर्श दिया गया है।
पेड़ की शाखाएं काटने के नाम पर पेड़ ही साफ
उधर सिविल लाइन्स में महाराष्ट्र राज्य इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमएसआईडीसी) का कार्यालय पुराने बंगले में तैयार हो रहा है। पेड की शाखाएं काटने के नाम पर बंगले के गेट से सटा जामून का बड़ा पेड ही लगभग साफ कर दिया है। शाखाएं काटने के नाम पर पेड का 75 फीसदी से ज्यादा हिस्सा साफ कर दिया गया। कलेक्टर आफिस की नई 11 मंजिला इमारत बनाने का काम एमएसआईडीसी को मिला है। राज्य सरकार ने गत वर्ष ही इस विभाग का गठन किया है। इस विभाग का कार्यालय सिविल लाइन्स स्थित लोक कर्म विभाग के पुराने बंगले में बनाया जा रहा है। कार्यालय का काम अभी चल रहा है। पुराने बंगले के मुख्य गेट से सटा जामून का बड़ा पेड था। बताया गया कि आंधी-तूफान आने पर पेड की शाखाएं टूट गई थी। इसके बाद पेड की शाखाएं काटने का निर्णय लोक कर्म विभाग ने लिया। गुरुवार 18 जुलाई को पेड की शाखाएं काटने के नाम पर पेड का 75 फीसदी से ज्यादा हिस्सा काट दिया गया। अब यहां केवल नाम के लिए जामून का पेड बचा है। यह 30 साल पुराना पेड बताया जा रहा है। एमएसआईडीसी के सूत्रों ने सफाई दी कि तेज बारिश के दौरान पेड की शाखाएं टूट गई थी। कुछ लोग घायल होते-होत बच गए। इसलिए इसकी शाखाएं काट दी गई। शाखाएं काटने के नाम पर अब यहां नाम के लिए ही पेड बचा है।
Created On :   18 July 2024 7:54 PM IST