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नागपुर: अंबाझरी बांध में जलस्तर बरकरार, बांध की नींव दुरुस्त करने जलसंपदा को दी जिम्मेदारी
- बाझरी बांध की नींव की दुरूस्ती होगी
- महानगरपालिका के जलप्रदाय विभाग से जलसंपदा विभाग को जिम्मेदारी दी
- बांध के स्वाभाविक रूप से जलस्तर कम होने के लिए 2 अप्रैल तक का इंतजार किया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंबाझरी बांध की नींव की दुरूस्ती के लिए महानगरपालिका के जलप्रदाय विभाग से जलसंपदा विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। बांध के स्वाभाविक रूप से जलस्तर कम होने के लिए 2 अप्रैल तक का इंतजार किया गया, लेकिन अब भी बांध में 50 फीसदी क्षमता से अधिक स्तर बना होने से दुरूस्ती काम में बाधा आ रही है। कृत्रिम रूप से बांध के पानी को खाली करने को लेकर मनपा अब भी असमंजस में फंसी हुई है। मनपा के अधिकारियों का तर्क है कि कृत्रिम रूप से खाली करने पर जलचरों के साथ ही परिसर के कुंए एवं अन्य जलस्त्रोत सूखने की संभावना बन जाएगी। ऐसे में अब जलसंपदा विभाग के अधिकारी भी परेशानी का सामना कर रहे हैं। 2 अप्रैल को जलसंपदा विभाग के अधिकारियों को सर्वेक्षण के दौरान अंबाझरी बांध में 8.53 एमएम क्यूब संचय क्षमता में से अब भी 5.50 एमएम क्यूब जलस्तर बना हुआ है। ऐसे में बांध के भीतर के हिस्से की दुरूस्ती आरंभ करने में मुश्किलें आ रही हैं। वहीं मनपा का दावा है कि रोजाना बांध से करीब 10 लाख लीटर पानी का विसर्जन करने के लिए मोटर पंप को गुरुवार से आरंभ किया गया है। ऐसे में जल्द ही विसर्जन और वाष्पीकरण प्रक्रिया के चलते बांध का जलस्तर कम हो जाएगा। जल विसर्ग पूरा होते ही दुरूस्ती प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी।
90 दिनों का काम
पिछले साल 23 सितंबर को अंबाझरी बांध के ओवरफ्लो के चलते शहर में बाढ़ की स्थिति बन गई थी। ऐसे में होईकोर्ट के निर्देश पर गठित समिति ने तत्काल दुरूस्ती कर ओवरफ्लो को सुचारू करने का निर्देश दिया है। जलचरों की सुरक्षा के नाम पर बांध के पानी को खाली नहीं करने का फैसला किया गया था, जबकि गर्मी के 90 दिनों में जलस्तर कम होने पर बांध की दुरूस्ती और 3 गोडबोले गेट लगने की प्रक्रिया को पूरा करने पर ही शहर की सुरक्षा संभव हो पाएगी। जलसंपदा विभाग से बांध के भीतरी और बाहरी हिस्से को जल्द दुरूस्त करने का प्रयास हो रहा है।
तीन चरण में होगी दुरूस्ती
अप्रैल में जलस्तर कम होने पर बांध की मजबूतीकरण की जाएगी।
इसके बाद टो ड्रेन और स्पील वे को तैयार करेंगे।
ओवरफ्लो प्वाइंट पर गोडबोले गेट को तैयार किया जाएगा। गोडबोले गेट के माध्यम से निर्धारित सामान्य स्तर से ऊंचाई पर पानी पहुंचने पर स्वचालित गेट खुलने से जलविसर्ग आरंभ हो जाता है।
जल्द काम आरंभ करने का प्रयास किया जाएगा
प्रांजलि टोंगसे, कार्यकारी अभियंता, जलसंपदा विभाग के मुताबिक अंबाझरी बांध से प्रतिदिन करीब 2 लाख लीटर जलविसर्ग हो रहा है। वहीं वाष्पीकरण की प्रक्रिया भी जारी है, बावजूद इसके अब भी जलस्तर बना होने से काम को आरंभ नहीं किया जा सकता है। मनपा को इस मामले में रिपोर्ट भेजी गई है। मनपा से निर्देश आने के बाद बांध के बाहरी और भीतरी हिस्सों की दुरूस्ती कामों आरंभ कर दिया जाएगा।
मोटरपंप से जलविसर्ग आरंभ
डॉ श्वेता बनर्जी, अधीक्षक अभियंता, जलप्रदाय विभाग, मनपा के मुताबिक अंबाझरी बांध की दुरूस्ती में देरी की काेई वजह नहीं है। जलविसर्ग को लेकर मोटरपंप लगाया गया है। प्रतिदिन 10 लाख लीटर जलविसर्ग आरंभ हो गया है, जल्द ही जलस्तर कम होने पर जलसंपदा विभाग को काम के लिए निर्देश दिया जाएगा।
Created On :   5 April 2024 2:39 PM IST