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बरसों की मांग: महाराष्ट्रवादी चले जाओ की गूंज, विधानभवन पहुंचने के पहले विदर्भवादियों को पुलिस ने लिया हिरासत में
- चंद्रपुर, वर्धा, गोंदिया से पहुंचे कार्यकर्ता
- पूर्व विधायक वामनराव चटप, प्रकाश पोहरे सहित अन्य कार्यकर्ताओं को मोर्चा की शुरुआत में ही पकड़ लिया
- तगड़े पुलिस बंदोबस्त में विधानभवन के सामने कार्यकर्ताओं ने लहराये विदर्भ के बैनर
डिजिटल डेस्क , नागपुर। विदर्भ राज्य की मांग के साथ विदर्भवादियों ने शनिवार को जमकर प्रदर्शन किया। विधानभवन पर मोर्चा ले जाने का प्रयास किया गया। लेकिन पुलिस ने मोर्चा का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक वामनराव चटप, प्रकाश पोहरे, अरुण केदार, मुकेश मासूरकर, नरेश निमजे सहित अन्य प्रमुख कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। हालांकि कार्यकर्ताओं ने काफी जोश दिखाया। महाराष्ट्रवादी चले जाओ के नारे लगाए। लेकिन तगड़े पुलिस बंदोबस्त के बीच विधानभवन में विदर्भ का झंडा नहीं लहरा पाए।
विधानभवन के सामने कुछ कार्यकर्ताओं ने विदर्भ का बैनर लहराया। विदर्भ राज्य निर्माण की मांग के साथ विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने नागपुर मे विधानभवन पर विदर्भ का झंडा लहराने का ऐलान किया था। योजना के तहत सुबह से ही धंतोली परिसर के यशवंत स्टेडियम में विदर्भवादी कार्यकर्ता एकत्र हुए। इनमें नागपुर के अलावा चंद्रपुर, गोंदिया, वर्धा के कार्यकर्ता अधिक थे। कार्यकर्ताओं में महिला, युवा बड़ी संख्या में थे। जोरदार नारेबाजी के साथ गणेश टेकडी परिसर तक मोर्चा पहुंचा। जहां मोर्चा को पुलिस ने रोक लिया। प्रदर्शन के दौरान जंजीर पहनकर पिंजरे में कैद महिला पुरुष कार्यकर्ता का प्रदर्शन आकर्षक रहा। गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस का गृहनगर होने से प्रदर्शन को लेकर पुलिस काफी अलर्ट थी। बड़ी संख्या में बंदोबस्त लगाया गया था। विधानभवन परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था।
119 वर्ष पुरानी मांग : विदर्भ राज्य निर्माण की मांग 119 वर्ष पुरानी है। विदर्भवादियों का कहना है कि राजनीतिक उदासीनता के कारण विदर्भ पर अन्याय हो रहा है। कहा गया है कि केंद्र में सत्ता का नेतृत्व कर रही भाजपा सहित अन्य दल विदर्भ को लोगों को केवल गुमराह कर रहे हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा ने विदर्भ राज्य निर्माण का आश्वासन दिया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद वादे को भुला दिया गया। केंद्र व राज्य में भाजपा के नेतृत्व की सत्ता होने के बाद भी विदर्भ राज्य निर्माण नहीं किया जा रहा है। इसलिए विदर्भ में भाजपा का विरोध हो रहा है। लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में भाजपा पराजित हुई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की शिवसेना को भी लाभ नहीं मिला।
किसानों की हालत खराब : विदर्भ में किसानों की हालत खराब है। कर्जमाफी नहीं हो पायी है। अनाज पर जीएसटी का भार है। अतिवृष्टि से भारी फसल नुकसान हुआ है। बीमाधारक किसानों को तत्काल फसल बीमा का लाभ देने की आवश्यकता है। प्रीपेट बिजली मीटर हटाने की मांग की गई है।
Created On :   10 Aug 2024 6:33 PM IST