आक्रोश: गरीब विद्यार्थियों को राहत, आरटीई के नए नियम का स्थायी समिति कर रही विरोध

गरीब विद्यार्थियों को राहत, आरटीई के नए नियम का स्थायी समिति कर रही विरोध
  • सरकारी या अनुदानित स्कूल से एक किमी के दायरे में निजी स्कूल आरटीई प्रवेश से मुक्त
  • आरटीई की प्रतिपूर्ति करोड़ों रुपए सरकार पर बकाया
  • गरीब विद्यार्थियों को गैरअनुदानित स्कूलों में प्रवेश का रास्ता खुला करने का प्रस्ताव पारित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीई अंतर्गत एक किलोमीटर के दायरे में सरकारी अथवा अनुदानित स्कूल रहने पर निजी गैरअनुदानित स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। संबंधित विद्यार्थी संबंधित सरकारी अथवा अनुदानित स्कूल में प्रवेश के लिए पात्र माना जाएगा। दरअसल गैरअनुदानित स्कूल में गरीब विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता था। उसका शैक्षणिक शुल्क सरकार भरती थी। आरटीई की प्रतिपूर्ति करोड़ों रुपए सरकार पर बकाया है। आरटीई शुल्क अदा करने में असमर्थ सरकार ने अपना पीछा छुड़ाने के लिए आरटीई नियम ही बदल डाले। जिला परिषद स्थायी समिति की बैठक में उसे विरोध किया गया। आरटीई का नया नियम रद्द कर पहले से चले आ रहे नियम पर अमल कर गरीब विद्यार्थियों को गैरअनुदानित स्कूलों में प्रवेश का रास्ता खुला करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

नरसाला (खा.) व भागेमाहेरी स्वतंत्र ग्रापं का प्रस्ताव : सावनेर तहसील में नरसाला (खा.) ग्राम पंचायत भागेमाहेरी, भोजापुरी (रिठी) व पोहना (रिठी) इन चार गांवों को मिलाकर गटग्राम पंचायत है। उसे विभाजीत कर नरसाला (खा.) और भागेमाहेरी को स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा देने का प्रस्ताव पारित किया गया। सावनेर तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार नरसाला गांव की जनंसख्या 1100 और भागेमाहेरी की जनसंख्या 12000 है।

सत्तापक्ष के निशाने पर रही सीईओ : जनसुविधा और नागरी सुविधा के प्रस्ताव को लेकर सीईओ को फिर सत्तापक्ष ने निशाना बनाया। सीईओ के हस्ताक्षर से जिला नियोजन समिति को भेजे गए प्रस्ताव मंजूर हुए। जिप अध्यक्ष के हस्ताक्षर से भेजे गए प्रस्ताव अभी भी लंबित है। सीईओ पर पदाधिकारियों के अधिकार का हनन कर मनमानी करने का आरोप लगाया गया।

साल 2011 की शिक्षक भर्ती की होगी जांच, तत्कालीन शिक्षणाधिकारी नेताम की खुलेगी पोल : जिला परिषद के शिक्षा विभाग में साल 2011 में शिक्षक भर्ती हुई थी। तत्कालीन शिक्षणाधिकारी सोमेश्वर नेताम पर शिक्षकों की नियुक्ति को नियमबाह्य मंजूरी दिए जाने का मुद्दा स्थायी समिति की बैठक में उपस्थित किया गया। नेताम के कार्यकाल में शिक्षकों की नियुक्ति को दी गई मंजूरी की जांच करने समिति गठित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। बताया जाता है कि नेताम ने जिन शिक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान की उनमें से अनेक शिक्षक स्कूल में कार्यरत नहीं थे। रिश्वत निरोधक दल ने नेताम के घर छापा मारने पर करोड़ों रुपए की संपत्ति हाथ लगी।

Created On :   24 Feb 2024 5:50 PM IST

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