नागपुर: तुषार गांधी ने केंद्र सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना की

तुषार गांधी ने केंद्र सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना की
  • देश में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम का हो रहा दुरुपयोग
  • नफरत के जहर को खत्म करना है
  • हिंदू राष्ट्रवाद होने के लिए, पहले एक हिंदू राष्ट्र होना चाहिए

डिजिटल डेस्क, नागपुर. भारत में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम ( यूएपीए) के तहत अपराध करने पर सरकार के आदेश पर गिरफ्तारी की जाती है। इसके बाद अगले छह महीने तक इस बात पर विचार किया जाता है कि संबंधित के खिलाफ कौन सा मामला दर्ज किया जाए। महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने यूएपीए का दुरुपयोग करने के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कल जांच एजेंसियों को फटकार लगाई थी। पत्रकार मिलिंद कीर्ति की पुस्तक "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मायाजाल युग: टेक्नोक्रेसी के लिए सर्वसम्मति-अभिजात वर्ग की तानाशाही" का विमोचन शनिवार को धनवटे नेशनल कॉलेज के मातोश्री विमलाबाई देशमुख सभागृह में किया गया। इस मौके पर तुषार गांधी बोल रहे थे। अध्यक्षता सीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. भालचंद्र कांगो ने की। प्रमुखता से प्रो. रंजीत मेश्राम, साहित्यकार डाॅ. श्रीपाद भालचंद्र जोशी, उन्नति फाउंडेशन के अध्यक्ष अतुल कोटेचा उपस्थित थे।

नफरत के जहर को खत्म करना है

तुषार गांधी ने कहा, यूएपीए में जो लोग जेल में हैं उनके खिलाफ दो या तीन साल बाद भी केस दर्ज नहीं किया जाता है। क्योंकि, उन्हें जेल इसलिए नहीं भेजा गया है कि उन्होंने कोई अपराध किया है, बल्कि हुक्मरानों के आदेश पर उन्हें जेल भेजा गया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि उन आरोपियों से कहा जाए कि वे हमारे खिलाफ हुए अपराध की एफआईआर दिखाएं, यह कितनी भयावह स्थिति है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की भी कड़े शब्दों में आलोचना की। उन्होंने कहा, एयरपोर्ट पर एक श्वान बैग सूंघकर विस्फोटकों का पता लगाने का काम करता है। इसी तरह अजित डोभाल भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैं। डोभाल के पास यह पहचानने की तकनीक है कि कौन अपराध कर सकता है। गांधी ने कहा, ऐसी विचारधारा को 2024 में हराना है और अगले 10 से 20 वर्षों में समाज में फैले नफरत के जहर को खत्म करना है।

हिंदू राष्ट्रवाद होने के लिए, पहले एक हिंदू राष्ट्र होना चाहिए

गांधी ने कहा कि देश में जो धार्मिक उन्माद चल रहा है, उसे कुछ बुद्धिजीवी हिंदू राष्ट्रवाद कहते हैं। लेकिन, हिंदू राष्ट्रवाद होने के लिए, पहले एक हिंदू राष्ट्र होना चाहिए? जिस देश में सभी धर्मों का संविधान समान हो, वहां यह संभव नहीं है। अगर वे हिंदू राष्ट्रवादी हैं तो उन्हें नेपाल चले जाना चाहिए। उनका यहां कोई स्थान नहीं है। इस राष्ट्रवाद के पीछे का घिनौना सच कुछ और ही है। गांधी ने यह भी पूछा कि हम यह क्यों नहीं समझते कि उनका राष्ट्रवाद ब्राह्मणों के प्रभुत्व वाला राष्ट्र है।

Created On :   8 Oct 2023 3:58 PM IST

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