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नुकसान: बेमौसम बारिश से 9150 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल हुई खराब, 11700 किसान प्रभावित
- राजस्व व कृषि विभाग ने शुरू किए पंचनामे
- खड़ी फसल बारिश व ओले से मिट्टी में मिली
- किसानों पर फिर दोहरी मार
डिजिटल डेस्क, नागपुर । बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से जिले में चना, गेहूं, मिर्ची व संतरे का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। जिले की 11 तहसीलों में फसल प्रभावित हुई है। 9 हजार 150 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें खराब हुई है। जिले में 11700 किसान ओलावृष्टि से प्रभावित हुए हैं। फिलहाल चना, गेहूं, मिर्ची की फसल ली जा रही है। खड़ी फसल बारिश व ओले से मिट्टी में मिल गई है। संतरे के साल में दो बार आते हैं। जिन खेतों में थोड़े प्रमाण में धान, कपास व तुअर थी, वह बारिश की भेंट चढ़ गई। राजस्व व कृषि विभाग ने सोमवार को गांवों का दौरा कर बारिश से खराब हुई फसलों का जायजा लिया।
कई तहसील के 363 गांवों में ज्यादा असर : उमरेड के विधायक राजू पारवे ने सोमवार को जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी रवींद्र मनोहरे, पूर्व विधायक सुधीर पारवे, तहसीलदार व तहसील कृषि अधिकारी के साथ उमरेड, भिवापुर व कुही का दौरा कर यहां हुए नुकसान का जायजा लिया। जिले में तहसीलदार, बीडीओ व तहसील कृषि अधिकारी की टीमें आैर पटवारी, ग्राम सेवक व कृषि सहायक की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में जाकर फसल नकुसान के पंचनामें तैयार कर रहे हैं। जिला कृषि अधीक्षक रवींद्र मनोहने बताया कि अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में जाकर नुकसान का जायजा ले रहे है। जिले की 11 तहसीलों की 363 गावों में फसलों का नुकसान हुआ है। पंचनामे बनाने का काम एक सप्ताह तक चल सकता है।
जनप्रतिनिधियों ने उठाई आवाज
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने जिलाधिकारी विपिन ईटनकर को निवेदन सौंपकर नुकसान की ओर ध्यान आकृष्ट कराया।
पूर्व जिप अध्यक्ष सुरेश भोयर ने कृषि मंत्री धनंजय मुंडे से कामठी-मौदा तहसील को अकालग्रस्त घोषित करने की मांग की।
विधायक राजू पारवे ने कुही तहसील के कई गांवों में फसलों के नुकसान का निरीक्षण किया।
विधायक टेकचंद सावरकर ने मौदा तहसील में फसलों का निरीक्षण किया,भरपाई की मांग की।
पूर्व विधायक डॉ. आशीष देशमुख ने भी ओला प्रभावित फसलों के नुकसान का निरीक्षण किया।
Created On :   13 Feb 2024 5:14 AM GMT