लापरवाही: बुझे कुओं में गप्पी मछलियों का कुनबा बढ़ा रही नागपुर महानगर पालिका

बुझे कुओं में गप्पी मछलियों का कुनबा बढ़ा रही नागपुर महानगर पालिका
  • मनपा के शपथ-पत्र पर याचिकाकर्ता का सवाल
  • बदहाल कुओं का फिर से अध्ययन करने के आदेश
  • मनपा को तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश करना है

डिजिटल डेस्क, नागपुर । नागपुर शहर के आधे से ज्यादा सार्वजनिक कुओं का पानी पीने योग्य नहीं। या तो ये कुएं सूखे पड़ गए हैं, या फिर कूड़े के गड्ढों में तब्दील हो गए हैं। इन कुओं को पुनर्जीवित करने की मांग करती जनहित याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में दायर की गई है। इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान मनपा के जल आपूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता द्वारा दायर शपथ-पत्र में भर दिए गए कुओं में गप्पी मछलियों के प्रजनन की बात कही गई है। इस पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि भर चुके (बुझाए गए) कुओं में गप्पी मछलियों को प्रजनन कैसे होगा? याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए इस सवाल पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने मनपा को बदहाली कुओं के फिर से अध्ययन करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आदेश के अनुसार मनपा को तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश करना है।

आरटीआई में नहीं मिली जानकारी : संदेश सिंगलकर ने यह जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने जब सूचना के अधिकार के तहत शहर में सार्वजनिक कुओं की स्थिति की जानकारी मांगी तो मनपा ने जानकारी उपलब्ध न होने की बात कही। इसलिए याचिकाकर्ता ने यह जनहित याचिका दायर की है। इस बीच मनपा ने नीरी को शहर के कुओं का निरीक्षण करने को कहा था। तो कोर्ट ने नीरी से कुओं की सर्वे रिपोर्ट मांगी। नीरी के सर्वे के मुताबिक, शहर के पचास फीसदी सार्वजनिक कुओं का पानी पीने लायक नहीं हैं। नागरिकों ने इन कुओं को बर्बाद कर दिया है। इसलिए याचिकाकर्ता ने इन सार्वजनिक कुओं को पुनर्जीवित करने की मांग की है। मामले पर न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. स्मिता सिंगलकर और मनपा की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की।

शपथ-पत्र में मनपा ने कहा

860 सार्वजनिक कुएं हैं शहर में

120 इनमें से बदहाल स्थिति में हैं

443 में पानी है, लेकिन कचरा पड़ा है

606 कुओं के पानी का अन्य उपयोग हो रहा है

134 कुओं में गप्पी मछलियों का प्रजनन किया जा रहा

013 कुएं सूखे हैं, इनमें पानी न के बराबर है

860 में से एक भी कुएं का पानी पीने योग्य नहीं

Created On :   5 July 2024 12:06 PM IST

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