सेहत: अब टीबी के मरीजों को साल भर मिलेगा पोषक आहार , देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य

अब टीबी के मरीजों को साल भर मिलेगा पोषक आहार , देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य
  • 3856 टीबी के मरीज जिले में दर्ज किए गए हैं
  • 1629 मरीजों का आंकड़ा है ग्रामीण क्षेत्र में
  • 500 रुपए प्रति माह पोषक आहार के मिलते हैं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार मंत्रालय ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए निक्षय मित्रों की मदद ली जा रही है। नागपुर जिले के विविध उद्योग समूह, समाजसेवी संगठन, क्लब व दानदाताओं को इस अभियान से जुड़ने का आह्वान किया जा रहा है। इस अभियान को शहर व ग्रामीण में अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। शहर व ग्रामीण क्षेत्र में 4 हजार से अधिक निक्षय मित्रों का पंजीयन हो चुका है। निक्षय मित्रों ने टीबी के मरीजों को दत्तक लिया है। निक्षय मित्रों द्वारा दत्तक लिए गए मरीजों को साल भर पोषक आहार उपलब्ध करा दिया जाएगा।

शहर में 101, ग्रामीण में 340 दाता : टीबी के मरीजों को सहायता दिलाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री क्षयरोग (टीबी) मुक्त भारत अभियान अंतर्गत ‘निक्षय मित्र कम्युनिटी सपोर्ट टू टीबी पेशंट’ कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके माध्यम से टीबी के मरीजों को उपचार के साथ ही जरूरी निक्षय मित्रों के सहयोग से पोषक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को कम से कम एक साल तक दत्तक लेकर उन्हें पोषक आहार उपलब्ध कराने के लिए निक्षय मित्रों की श्रृंखला तैयार की जा रही है। निक्षय मित्रों के माध्यम से शहर में 101 दाताओं ने 2227 व ग्रामीण में 340 दाताओं के माध्यम से 1850 मिलाकर कुल 4077 टीबी के मरीजों का पालकत्व स्वीकार किया गया है। मरीजों को शहर में 7709 और ग्रामीण में 7870 पोषक आहर की किटस् वितरीत की गई है। पालकत्व स्वीकार करने वालों में सरकारी अधिकारियों का भी समावेश है। इसके अलावा प्रशासन द्वारा निक्षय मित्रों की संख्या बढ़ाने का प्रयास जारी है।

जिले में 3856 टीबी के मरीज : टीबी के मरीजों पर दो चरणों में औषधोपचार किया जाता है। पहले चरण में छह महीने तक मरीज का औषधोपचार किया जाता है। यदि उसे लाभ नहीं हुआ तो उसे एमडीआरटीबी मरीज घोषित किया जाता है। इसके बाद उस पर दूसरे चरण का उपचार किया जाता है। इसमें 18 से 24 महीने तक उपचार चलता है। मरीजाें को पोषक आहार प्रति महीना 500 रुपए दिए जाते हैं। नागपुर ग्रामीण क्षेत्र में 1629 व शहर में 2227 मिलाकर कुल 3856 टीबी के मरीज उपचार ले रहे हैं।

Created On :   14 May 2024 7:57 AM GMT

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