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ठगी: अधिक मुनाफे के चक्कर में साइबर अपराधियों के झांसे में आई शिक्षिका, 17 लाख की चपत
- टास्क पूरा करने व निवेश का दिया झांसा
- खाता और फोन नंबर के बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लग रहे आरोपी
- वॉट्सएप ग्रुप में शामिल किया और टेलीग्राम ऐप की लिंक भेजकर लगाया चूना
डिजिटल डेस्क, नागपुर। साइबर अपराधियों के झांसे में फंसी शिक्षिका ने लाखों रुपए का कर्ज उठाया। उसे लगा था कि मोटी रकम हासिल होगी, लेकिन इस प्रकरण में उल्टा उसे ही चूना लगा है। साइबर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है, लेकिन बरामद खाता और फोन नंबर के बाद भी पुलिस को साइबर अपराधियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
झांसे में आती गई पीड़िता : पीड़ित (40) शिक्षिका हुड़केश्वर थाना क्षेत्र की निवासी है। घटना 5 से 11 जून 2024 के दरमियान घटित हुई है। पीड़िता ने अमेजन कंपनी से ऑनलाइन घड़ी बुक की थी। उसी दिन शाम के वक्त किसी साइबर अपराधी ने उसे वॉट्सएप ग्रुप में शामिल किया और टेलीग्राम ऐप की लिंक भेजी। फिर ऐप पर क्लिक करने को कहा। ऐसा करते ही पार्ट टाइम जॉब के तौर पर विविध कंपनियों के टास्क पूरे करने पर कम समय में ज्यादा लाभ मिलने का वादा सामने आया। झांसे में आई पीड़िता ने अपराधियों के दिशा-निर्देशों का पालन कर टास्क पूरे किए तो उसके खाते में ऑनलाइन 18 हजार रुपए लाभ के तौर पर जमा हो गए। यह देखते ही बगैर मेहनत कम समय में घर बैठे कमाई होने से पीड़िता को लालच आ गया। साइबर अपराधियों के चंगुल में फंसी पीड़िता ने जमा पूंजी के अलावा परिचित व रिश्तेदारों से कर्ज उठाकर साइबर अपराधियों द्वारा बताए बैंक खाते में करीब 17 लाख 5 हजार रुपए जमा किए। लाखों रुपए जमा कराने के बाद भी उसे कोई लाभ नहीं मिला।
साइबर थाने में शिकायत : ठगे जाने का एहसास हाेते ही उसने तत्काल मामले की शिकायत की। घटित वाकये की पुष्टि होने से साइबर थाने में प्रकरण दर्ज िकया गया। पुलिस का दावा है कि उसका साइबर विभाग सक्षम है और साइबर विशेषज्ञ विभाग के पास है, लेकिन घटित प्रकरण में अपराधियों के मोबाइल नंबर व बैंक खाते होने के बाद भी पुलिस को अब तक अपराधियों का कोई सुराग नहीं मिला है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग कितना कितना सक्षम है।
Created On :   19 Jun 2024 12:47 PM IST