स्वास्थ्य योजना: विविध कारणों से सालाना 3400 मरीज एमजेपीजेएवाई योजना के लाभ से हो रहे वंचित

विविध कारणों से सालाना 3400 मरीज एमजेपीजेएवाई योजना के लाभ से हो रहे वंचित
  • 78 हजार से अधिक मरीज सालाना आवेदन करते हैं
  • 75 हजार नागरिकों को लाभ मिलता है
  • 05 लाख तक नि:शुल्क उपचार की घोषणा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार ने अाम जनों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा देने के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना (एमजेपीजेएवाई) तो शुरू की है। 2012 में इस योजना का नाम राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना था। 1 अप्रैल 2017 को इसका नाम बदलकर महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना कर दिया गया। इसके साथ ही केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को संलग्न कर दिया गया। जिले में सालाना 78 हजार से अधिक मरीज आवेदन करते हैं। इनमें से 75 हजार को लाभ मिलता है। 3400 से अधिक मरीजों को विविध कारणों से योजना के लाभ से वंचित रहना पड़ता है। राज्य सरकार ने 28 जुलाई 2023 को एमजेपीजेएवाई अंतर्गत 5 लाख रुपए तक नि:शुल्क उपचार का लाभ देने की घोषणा की है। छह महीने बीत जाने के बावजूद इसपर अमल करने के लिए अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इसलिए फिलहाल 1.50 लाख रुपए तक ही लाभ मिल रहा है।

सालाना पंजीयन व लाभार्थी : जिले में सालाना एमजेपीजेएवाई योजना अंतर्गत 78 हजार से अधिक लाभार्थी आवेदन करते हैं। इनमें से 75 हजार लाभार्थियों को लाभ मिलता है। उनका उपचार नि:शुल्क होता है। अन्य मरीजों को विविध कारणों से योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। 1 अप्रैल से 30 नवंबर 2023 तक 45, 822 मरीजों का पंजीयन किया गया। इसमें से 43,794 मरीजों को लाभ मिला। 2028 मरीजों को लाभ नहीं मिल पाया। यह सात महीने के आंकड़े हैं। यानि हर महीने औसत 289 मरीज लाभ से वंचित रहते हैं। अलग-अलग कारणों से सालाना कुल 3468 मरीजों को लाभ नहीं मिल पाता।

क्यों नहीं मिल पाता लाभ : एमजेपीजेएवाई का लाभ नहीं मिलने के पीछे विविध कारण बताए जाते हैं। सबसे बड़ा कारण दस्तावेजों की खानापूर्ति नहीं हो पाना। इसमें पीला या ऑरेंज राशन कार्ड जरूरी होता है। जिन्हें लाभ नहीं मिल पाता, उनके पास इस रंग के राशनकार्ड का अभाव होता है। कई बार राशनकार्ड पर ओवरराइटिंग होती है, या नाम स्पष्ट दिखाई नहीं देता। इसके अलावा संबंधित मरीज को उपचार के लिए लाभ पाने के लिए नियमानुसार जो जांच जरुरी होती है, उनकी सारी रिपाेर्ट उपलब्ध नहीं होती। ऐसे कारणों से योजना का लाभ नहीं मिल पाता। राशन कार्ड के मामले में कोई गड़बड़ी होने पर तहसीलदार से लिखकर लाना होता है। इसके लिए एक फॉर्मेट बनाया गया है।

शनिवार-रविवार को ज्यादा समस्या : योजना में मांग के अनुरूप दस्तावेज न होने पर या अधूरे दस्तावेज के भरोसे पंजीयन किया भी गया तो बाद में वह रद्द हो जाता है। जब तक दस्तावेजों की खानापूर्ति नहीं की जाती, तब तक योजना का लाभ नहीं मिलता। मरीज यदि आपात स्थिति में हो तो उपचार करना जरूरी हो जाता है। ऐसे में योजना के लाभ का इंतजार नहीं किया जाता। मरीज सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने के बावजूद उपचार के लिए जरूरी सामग्री बाहर से खरीदकर लानी पड़ती है। शनिवार व रविवार को अधिक परेशानी होती है। इस दिन यदि कोई दस्तावेज की समस्या आई तो सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ऐसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। इसके अलावा प्रदेश के बाहर से आनेवाले मरीजों को भी इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कितना लाभ मिलने की उम्मीद : राज्य सरकार ने 28 जुलाई 2023 को एक अधिसूचना जारी कर एमजेपीजेएवाई के अंतर्गत 5 लाख रुपए तक उपचार नि:शुल्क सुविधा देने की घोषणा की है। अधिसूचना जारी होने के बाद इस पर अमल करने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। कुछ समय बाद ही लोकसभा चुनाव की आचारसंहिता लागू होने की संभावना है। इसके बाद लोकसभा चुनाव होंगे। यह सारी प्रक्रिया करने में कम से कम तीन महीने का समय बीतने का अनुमान है। इस दौरान एमजेपीजेएवाई योजना को लेकर की गई घोषणा प्रभावित हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि मार्च महीने में एमजेपीजेएवाई योजना की घोषणानुसार 5 लाख रुपए तक का लाभ मिलने की उम्मीद है।

Created On :   1 March 2024 12:26 PM IST

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