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आरोप-प्रत्यारोप: जिप निधि घोटाले को लेकर.हंगामेदार चर्चा हुई लेकिन जिम्मेदारी किसी पर तय नहीं
- अंतिम रिपोर्ट पेश करने मांगी तीन दिन की मोहलत
- जांच रिपोर्ट में कदम-कदम पर अनियमितता दर्शाई
- घोटाले की किसी पर जिम्मेदारी तय नहीं की गई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद के महिला व बाल कल्याण विभाग में आंगनवाड़ियों के श्रेणीवर्धन निधि घोटाले की अंतिम जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए स्थायी समिति ने 3 दिन की मोहलत दी है। सोमवार को स्थायी समिति की बैठक में रिपोर्ट पर हंगामेदार चर्चा हुई। जांच रिपोर्ट में कदम-कदम पर अनियमितता की मुहर लगाई गई, लेकिन रिपोर्ट के अभिप्राय में घोटाले की किसी पर जिम्मेदारी तय नहीं की गई। उल्टे एकात्मिक बाल विकास प्रकल्प अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों का बचाव किया गया है। इस बात को लेकर समिति ने जांच कमेटी तथा प्रशासन को कटघरे में खड़ा करने पर अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए 3 दिन की मोहलत मांगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी बाल विकास प्रकल्प अधिकारी का आंगनवाड़ी पर्यवेक्षकों पर अतिरिक्त प्रभार है। बाल विकास प्रकल्प अधिकारी पद द्वितीय श्रेणी दर्जे का है। आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक पद तृतीय श्रेणी में आता है। प्रकल्प अधिकारी पद से कनिष्ठ है। लिहाजा शासकीय खरीदी नीति शासन निर्णय 1 दिसंबर 2016 अनुसार प्रशिक्षित नहीं माना जा सकता। खरीदी नीति अनुसार कार्यवाही के संदर्भ में उन्हें मुख्यालय से स्वयंस्पष्ट, सिलसिलेवार मार्गदर्शन, सूचना व सक्रिय नियंत्रण अपेक्षित था, लेकिन विभाग प्रमुख अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में चूक गए।
जांच में खुलासा : आंगनवाड़ी श्रेणीवर्धन के नाम पर सामग्री सप्लाई किए बिना सप्लायर को भुगतान किए जाने का जांच में खुलासा हुआ है। श्रेणीवर्धन के लिए जिन 17 बिंदू पर काम करना अपेक्षित था, उसे नजरअंदाज किया गया। टीवी, वाटर प्यूरिफायर आदि सामग्री निकृष्ट गुणवत्ता की खरीदी गई। सभी प्रकल्पों में एक समान कोटेशन लिए गए। संपूर्ण जिले में एक ही सप्लायर से खरीदी की गई। जिला परिषद स्तर से प्रकल्प स्तर पर निधि वितरित की गई। प्रकल्प स्तर से खरीदी प्रक्रिया पूरी हुई। जिला परिषद सीईओ तथा पंस गटविकास अधिकारी को कानों-कान खबर नहीं। जिला परिषद आमसभा की प्रशासकीय तथा तकनीकी मंजूरी नहीं ली गई। सरकारी विभागों की खरीदी प्रक्रिया जेम पोर्टल से होनी अपेक्षित है। यहां सप्लायर से खरीदी कर सरकारी नियम का उल्लंघन हुआ है आदि अनियमितता पर उंगली उठाई गई है।
दोषी पर होगी फौजदारी कार्रवाई : स्थायी समिति की बैठक में घोटाले की रिपोर्ट पर जमकर बहस हुई। अभिप्राय में दोषी का स्पष्ट उल्लेख नहीं रहने पर अक्रोश व्यक्त हुआ। 3 दिन में अंतिम रिपोर्ट पेश कर संबंधितों के खिलाफ फौजदारी प्रकरण दर्ज करने के प्रशासन को निर्देश दिए गए।
Created On :   22 May 2024 12:19 PM IST