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शिक्षा: आरटीई प्रवेश प्रक्रिया , 2613 स्कूल पंजीकृत, अब सीटों का कोटा तय होगा
- आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के पहले चरण में स्कूल पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी
- इस बार मार्च माह में स्कूल पंजीकरण प्रक्रिया की शुरुआत हुई
- हर बार जनवरी-फरवरी में होती थी प्रक्रिया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के पहले चरण में स्कूल पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। जिले के 2613 स्कूलों ने पंजीकरण कराया। अगले चरण में स्कूलों में सीट आरक्षण का कोटा तय होगा। इस बार गैरअनुदानित स्कूलों के अलावा शासकीय, स्थानीय निकाय संचालित, अनुदानित तथा कंटोन्मेंट बोर्ड के स्कूल आरटीई प्रवेश प्रक्रिया के दायरे में शामिल किए गए हैं।
1 किमी के दायरे में सरकारी स्कूल, तो वहीं मिलेगा प्रवेश : नए आरटीई प्रवेश नियम में आवेदक के घर से एक किलोमीटर के दायरे में सरकारी स्कूल रहने पर गैरअनुदानित स्कूल में प्रवेश पाने का सपना अधूरा रहेगा। उसे सरकारी स्कूल में ही प्रवेश आवंटित किया जाएगा। सरकारी स्कूल का अंतर एक िकलोमीटर के दायरे में नहीं होगा, तब जाकर ही गैरअनुदानित स्कूल में प्रवेश आवंटित किया जा सकेगा।
3 माह विलंब से प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत : आरटीई प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत दिसंबर-जनवरी माह में होती रही है। इस वर्ष आरटीई प्रवेश नियमावली को अंतिम रूप देने में विलंब के चलते मार्च माह में स्कूल पंजीकरण प्रक्रिया की शुरुआत हुई। अगला चरण स्कूलों में सीटों के आरक्षण का कोटा तय होगा। उसके बाद ऑनलाइन आवेदन मंगवाए जाएंगे। प्राप्त आवेदनों से लॉटरी निकालकर स्कूल आवंटित किए जाएंगे। लॉटरी लगने पर बच्चों के दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद स्कूल में प्रत्यक्ष प्रवेश दिए जाएंगे।
मई माह में लॉटरी की संभावना : स्कूल पंजीकरण के बाद सीटों का आरक्षण कोटा तय करना, ऑनलाइन आवेदन मंगवाकर लॉटरी निकालने की प्रक्रिया में एक-डेढ़ महीने से अधिक समय लगने का अनुमान है। इन सारी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद मई माह में लॉटरी निकलने की संभावना शिक्षा विभाग के सूत्रों ने व्यक्त की है।
आठवीं कक्षा के बाद स्कूल जबरदस्ती नहीं थमा सकते टीसी : आरटीई अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थी अाठवीं कक्षा के बाद उसी स्कूल में पढ़ना चाहता है, तो उसे जबरदस्ती टीसी नहीं दी जा सकती। पालक फीस भरने के लिए तैयार रहने पर भी यदि कोई स्कूल उसे टीसी थमा देता है, तो ऐसे स्कूल के िखलाफ कार्रवाई करने के निर्देश शिक्षा संचालक ने सभी शिक्षणाधिकारियों को दिए हैं। आरटीई अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थी की आठवीं कक्षा तक फीस का सरकार भुगतान करती है। आठवीं कक्षा के बाद पालक को फीस चुकानी पड़ती है। पालक फीस चुकाने के लिए तैयार रहने पर भी कई शैक्षणिक संस्थाएं टीसी देकर उन्हें स्कूल से बाहर करना चाहती है। हाल ही में कुछ स्कूलों के मामले सामने आने पर आरटीई एक्शन कमेटी ने शिक्षण संचालक से शिकायत की थी। शिक्षण संचालक ने इस पर संज्ञान लेकर शिक्षणाधिकारियों को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अारटीई अंतर्गत प्रवेश देने वाले सभी शिक्षा मंडलों से संलग्न स्कूलों को यह आदेश लागू है।
Created On :   29 March 2024 4:27 PM IST