खुशी: प्रयोगशाला सहायकों को एस-8 के तहत मिलेगा वेतन , सरकार के भेजा गया पत्र

प्रयोगशाला सहायकों को एस-8 के तहत मिलेगा वेतन , सरकार के भेजा  गया पत्र
  • भाजप शिक्षक आघाड़ी के प्रयासों को सफलता मिली
  • शिक्षा निदेशालय ने सरकार को फैसला लेनी की सिफारिश की
  • वेतनमान शीघ्र लागू होने की उम्मीद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समयबद्ध पदोन्नति प्रयोगशाला सहायकों को एस-8 के अनुसार अब वेतन तय किया गया है। इस संदर्भ में शिक्षा निदेशालय ने सरकार को फैसला लेनी की सिफारिश की है। भाजप शिक्षक आघाड़ी नागपुर विभागीय अध्यक्ष अनिल शिवणकर द्वारा शिक्षा निदेशालय से लगातार मांग की गई। आखिरकार भाजप शिक्षक आघाड़ी के प्रयासों को सफलता मिली है।

यह है स्वीकृत वेतनमान : राज्य के निजी प्राथमिक/माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतनमान स्वीकृत किया गया है। इसमें क्रम संख्या 54 पर प्रयोगशाला सहायक का पद अंकित है और प्रयोगशाला सहायक का मूल वेतनमान एस-7-21700 -69100 है। लेकिन स्कूल शिक्षा एवं खेल विभाग शासन के निर्णय 22 फरवरी 2019 में प्रयोगशाला सहायकों की समयबद्ध पदोन्नति हेतु वेतनमान का उल्लेख नहीं किया गया है।

इसलिए लगातार मांग : हालांकि, राज्य के 36 जिलों में से 23 जिलों में एस-8 के अनुसार प्रयोगशाला सहायकों का समयबद्ध वेतन 2019 में ही निर्धारित किया गया है। लेकिन अन्य जिलों में अभी भी एस-8 के अनुसार वेतन निर्धारण नहीं हो सका है। खासकर नागपुर, वर्धा और गड़चिरोली जिलों में एस-8 के अनुसार वेतन तय नहीं हुआ है। इसलिए भाजप शिक्षक आघाड़ी ने यह लगातार मांग की थी। इसी के तहत शिक्षा निदेशालय पुणे ने एस-8 वेतनमान लागू करने के लिए सरकार को पत्र भेजा है।

विवादों में घिरी नागपुर पंस की समायोजन प्रक्रिया : भास्कर संवाददाता| नागपुर. : नागपुर पंचायत समिति में शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया विवादों में घिर गई है। समायोजन प्रक्रिया में उपस्थितों को ठेंगा दिखाकर कर अनुपस्थितों को मनचाहे स्कूल में िनयुक्ति दी गई। इस मनमानी से त्रस्त एक शिक्षक ने समायोजन प्रक्रिया पर ही सवाल उठाए हैं। सरकार के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर 31 दिसंबर के बाद मोहलत बढ़ाकर दिए बिना समायोजन किए जाने पर आपत्ति जताई है। जिप सीईओ से समायोजन प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाकर रद्द करने की मांग की है।शासन निर्णय अनुसार दिव्यांग को प्राथमिकता के आधार पर तहसील अंतर्गत समायोजन करना अपेक्षित है। इस प्रक्रिया में दिव्यांग मुख्याध्यापिका को जिला स्तर पर अतिरिक्त बताया गया है। जबकि एक अन्य सामान्य मुख्याध्यापक का उसी तहसील में समायोजन किया गया।

हिंदी शिक्षक की मराठी स्कूल में नियुक्ति : एक अन्य प्रकरण में वाड़ी बीट के हिंदी शिक्षक का जबरदस्ती बीट बदला गया। जबकि उसी बीट में 2 पद रिक्त है। हिंदी शिक्षक का दूसरे बीट में कम विद्यार्थी संख्या के मराठी स्कूल में समायोजन किया गया।

सीईओ ने मांगी जानकारी : नागपुर पंचायत समिति में शिक्षकाें की समायोजन प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर सीईओ ने उसे गंभीरता से लेने की सूत्रों ने जानकारी दी। इस प्रकरण में लिप्त अधिकारियों पर गाज गिरने की प्रबल आशंका जताई जा रही है।

Created On :   28 Feb 2024 7:56 AM GMT

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