- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- पुलिस पाटील भर्ती प्रक्रिया में...
आरोप: पुलिस पाटील भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी, 10 उम्मीदवारों ने दायर की है याचिका
- भंडारा जिले में पुलिस पाटील की 48 सीटें थी
- भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन जारी किया गया
- कुछ उम्मीदवारों ने भंडारा के जिलाधिकारी से शिकायत की थी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भंडारा जिले में पुलिस पाटील की 48 सीटों के लिए ली गई भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी होने का दावा करते हुए महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधीकरण (मैट) के फैसले को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई है। इस मामले में सोमवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया से संबंधित ओरिजिनल रिकॉर्ड और जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में पेश करने के राज्य सरकार को आदेश दिए हैं।
100 अंकों की परीक्षा : नागपुर खंडपीठ में पुलिस पाटील भर्ती प्रक्रिया में सहभागी 10 उम्मीदवारों ने यह याचिका दायर की है। याचिका के अनुसार, भंडारा जिले में पुलिस पाटील की 48 सीटों की भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन जारी किया गया। इसके लिए 80 अंकों की लिखित और 20 अंकों की साक्षात्कार सहित कुल 100 अंकों की परीक्षा ली गई। सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी द्वारा लिखित परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिए गए, लेकिन सदस्यों ने बिना उपस्थित हुए ही अपने प्रतिनिधियों को भेज दिया था। लिखित परीक्षा में जिन्हें ज्यादा अंक मिले हैं, उन्हें साक्षात्कार में 4 से 6 अंक दिए गए और जिन्हें लिखित परीक्षा में कम अंक मिले हैं, उन्हें साक्षात्कार में 18 से 19 अंक दिए गए। इसी के तहत नतीजे घोषित कर उम्मीदवारों का चयन किया गया और उनकी नियुक्ति भी की गई।
नौकरी से टर्मिनेट कर दिया : इस भर्ती प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए कुछ उम्मीदवारों ने भंडारा के जिलाधिकारी से शिकायत की थी। जिलाधिकारी ने अतिरिक्त जिलाधिकारी को परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच करने के निर्देश दिए थे। अतिरिक्त जिलाधिकारी द्वारा की गई जांच में परीक्षा में साक्षात्कार के दौरान गड़बड़ी होने की रिपोर्ट दी। यह रिपोर्ट राज्य सरकार के गृह विभाग को भेजी गई। इस रिपोर्ट के आधार पर गृह विभाग ने परीक्षा रद्द करने और फिर से परीक्षा लेने के आदेश दिए थे। परीक्षा रद्द करने के कारण नियुक्त उम्मीदवारों को नौकरी से टर्मिनेट किया गया। इस फैसले के खिलाफ नियुक्त उम्मीदवारों ने मैट में याचिका दायर की। मैट ने नियुक्त उम्मीदवारों के पक्ष में फैसला देते हुए सरकार को उन्हें नियुक्त करने के आदेश दिए थे। मैट के इस फैसले को बाकी उम्मीदवारों ने अब हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ताआें की ओर से एड. सुमंत देवपुजारी ने पैरवी की।
Created On :   9 July 2024 2:50 PM IST