लेटलतीफी :: जिला परिषद में 200 से अधिक शिक्षकों का मामला, लटकी शिक्षकों की नियुक्ति

जिला परिषद में 200 से अधिक शिक्षकों का मामला, लटकी शिक्षकों की नियुक्ति
  • पवित्र पोर्टल से 325 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया
  • सेवानिवृत्त 113 शिक्षकों का मानधन पर चयन
  • 600 से अधिक पद अभी भी रिक्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद में शिक्षकों के रिक्त पदों की भर्ती राज्य स्तर पर की गई। पवित्र पोर्टल पर आवेदन मंगवाए गए। अगस्त से शुरू हुई प्रक्रिया मार्च तक चली। गत सप्ताह पवित्र पोर्टल से 325 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हुई। इस बीच अंतरजिला तबादले से 80 शिक्षक जिले को मिले। संविदा शिक्षक भर्ती में सेवानिवृत्त 113 शिक्षकों का मानधन पर चयन किया गया। अतिरिक्त 90 शिक्षकों का समायोजन हुआ। जब तक पवित्र पोर्टल से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक अन्य सभी नियुक्तियां रोक दी गईं। पवित्र पोर्टल से शिक्षकों की नियुक्ति के होने पर लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। पवित्र पोर्टल पर शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में लेटलतीफी के चलते 200 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति लटक गई है।

600 पद अभी भी रिक्त : जिला परिषद में शिक्षकों के रिक्त पदों का बैकलॉग 928 पर पहुंच गया था। पवित्र पोर्टल से 325 शिक्षकों की नियुक्ति की गई। अन्य मार्गों से मिले शिक्षकों की नियुक्ति अधर में लटकी हुई है। 600 से अधिक पद अभी भी रिक्त हैं। जिला परिषद में पवित्र पोर्टल पर साल 2023 में शिक्षकों के रिक्त पद के आधार पर भर्ती की गई। उस समय रिक्त 717 पदों के 70 फीसदी 501 पदों का विज्ञापन प्रकाशित किया गया। प्राप्त आवेदनों में 345 पात्र ठहराए गए। 156 पदों के लिए पात्र उम्मीदवार नहीं मिलने से रिक्त रह गए।

शैक्षणिक नुकसान : शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया 12 साल से बंद थी। इस दरमियान सेवानिवृत्ति तथा मृत्यु हो जाने से शिक्षकों के पद रिक्त हुए। उनकी जगह नए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई। शिक्षकों के रिक्त पद भरने संपूर्ण राज्य में आवाज उठने पर सरकार ने भर्ती की घोषणा कर दी। पवित्र पोर्टल पर भर्ती करने का निर्णय लिया। जब तक पवित्र पोर्टल से भर्ती नहीं होती, शिक्षक स्वयंसेवक नियुक्ति करने व खनिज निधि से मानधन अदा करने की जिला परिषद ने सरकार से अनुमति मांगी। सरकार ने खनिज निधि से मानधन अदा करने की अनुमति दे दी, लेकिन सेवानिवृत्त शिक्षकों की संविदा शिक्षक के तौर पर नियुक्ति की शर्त रखी। जिला परिषद और सरकार के बीच मानधन पर शिक्षक नियुक्ति को लेकर संघर्ष चलता रहा। पवित्र पोर्टल से नियुक्ति प्रक्रिया में िवलंब हुआ। इसी में शैक्षणिक वर्ष खत्म हो जाने से सरकारी प्रक्रिया में शैक्षणिक नुकसान हुआ।

Created On :   26 March 2024 11:20 AM IST

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