लापरवाही: कोर्ट का झटका : सर्विस रोड की बदहाली पर 3 ठेकेदारों पर 25-25 हजार की काॅस्ट लगाई

कोर्ट का झटका : सर्विस रोड की बदहाली पर 3 ठेकेदारों पर 25-25 हजार की काॅस्ट लगाई
  • महामार्गों के किनारे पेड़ लगाने का मामला
  • जवाब दाखिल न करना पड़ा महंगा
  • रकम हाई कोर्ट लीगल सर्विस सब-कमेटी नागपुर में जमा करनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर-अमरावती, नागपुर-भंडारा और नागपुर-उमरेड मार्ग पर हाई वे और फ्लाईओवर से लगे हुए सर्विस रोड पर यातायात करने में वाहन चालकों को हो रही परेशानी पर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने संज्ञान लिया है। इस मामले में सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहना और जवाब दाखिल न करना प्रतिवादी तीन ठेकेदारों को बड़ा महंगा पड़ा है। हाई कोर्ट ने राजपथ इंफ्राकॉन, मेसर्स गैनन डंकर्ले एंड कंपनी लिमिटेड और एसएमएस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (जेवी) तथा जाईंन्ट स्टॉक कंपनी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन पर 25 हजार रुपये का काॅस्ट (लागत खर्च) लगाया है। इन तीनों ठेकेदारों को अगली सुनवाई तक यह रकम हाई कोर्ट लीगल सर्विस सब-कमेटी नागपुर में जमा करनी है।

नागपुर खंडपीठ में एड. अरुण पाटील ने जनहित याचिका दायर करके विदर्भ के बदहाल महामार्गों का मुद्दा उठाया है। सर्विस रोड हाई वे के समानांतर चलती है, मुख्य रूप से स्थानीय यातायात के लिए पहुंच प्रदान करती है और इस प्रकार हाई वे पर यातायात को तेजी से आगे बढ़ाने में कम से कम हस्तक्षेप की सुविधा प्रदान करती है। लेकिन इस सर्विस रोड पर संकरी सड़क, अतिक्रमण और पार्किंग जैसी कई बाधाओं का सामना वाहन चालकों को करना पड़ रहा है। इसलिए कोर्ट ने इस याचिका का दायरा बढ़ाते हुए इसमें सर्विस रोड भी शामिल करने का आदेश दिया है।

प्रतिवादी बनाकर किया नोटिस जारी : इनमें नागपुर से अमरावती, नागपुर से भंडारा और नागपुर से उमरेड राजमार्ग के सर्विस रोड शामिल हैं। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी को सड़क के किनारे अब तक कितने पेड़ लगाए गए हैं और उनमें से कितने जिंदा है? इस पर जवाब दायर करने के आदेश दिए थे। साथ ही इस मामले में कोर्ट ने ओसीडब्ल्यू, एमएसईडीसीएल और ठेकेदार को प्रतिवादी बनाते हुए उन्हें भी नोटिस जारी किया था।

सूचना के बाद भी की मनमानी : मामले पर बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। तब एनएचएआई के वकील ने कोर्ट में जानकारी देते हुए कहा कि, इन तीनों ठेकेदारों को इस प्रलंबित याचिका के बारे जानकारी दी गई थी। साथ ही कोर्ट ने इस मामले में प्रतिवादियों से शपथपत्र दायर करने को कहा है इसकी सूचना दी गई थी। लेकिन इसके बावजूद भी इन तीनों ठेकेदार ना तो सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे, ना अब तक काई जवाब दायर किया। इसलिए कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा और एनएचएआई की ओर से एड. अनिश कठाणे ने पैरवी की।

Created On :   14 Jun 2024 4:51 PM IST

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