प्रशासन की अनदेखी: गणेशोत्सव को लेकर मनपा में तैयारियों पर संदेह , नियोजन का नहीं कोई ठिकाना

गणेशोत्सव को लेकर मनपा में तैयारियों पर संदेह , नियोजन का नहीं कोई ठिकाना
  • मूर्ति विक्री समेत विसर्जन टैंक को लेकर नहीं हुआ फैसला
  • मूर्तियों की ऊंचाई को लेकर कोई भी निर्णय नहीं
  • बड़ी मूर्तियों का कोराडी और छोटी मूर्तियों के लिए 390 कृत्रिम टैंक तैयार करने की जानकारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य भर में गणेशोत्सव को लेकर खासी धूम होती है। इस मर्तबा हाईकोर्ट की ओर से पीअोपी की मूर्तियों के विसर्जन को लेकर मनपा प्रशासन से पूर्ण कार्ययोजना का ब्यौरा मांगा है। ऐसे में महानगरपालिका प्रशासन से गणेशोत्सव आयोजन के लिए तैयारियों को लेकर कोई भी योजना नजर नहीं आ रही है। मनपा की ओर से 4 स्थानों पर आरसीसी के कृत्रिम विसर्जन टैंक को निर्माणकार्य करने का प्रयास हो रहा था, लेकिन इसमें से भी केवल दो स्थान गोरेवाड़ा और कच्छी विसा में काम आरंभ हुआ है। हालांकि दोनों ही स्थानों के टैंक इस साल इस्तेमल में नहीं आने वाले है। वहीं दूसरी ओर शहर में घरेलू मूर्तियों के विसर्जन के लिए कृत्रिम टैंक को लेकर भी कोई निर्णय नहीं हुआ है। कोरोना संक्रमण के दौरान घरेलू मूर्तियों की ऊंचाई 2 फीट और सार्वजनिक मूर्तियों की 4 फीट करने का आदेश था, लेकिन अब मनपा की ओर से मूर्तियों की ऊंचाई को लेकर कोई भी निर्णय नहीं हुआ है। हालांकि आला अधिकारियों का दावा है कि शहर में बड़ी मूर्तियों का कोराडी और छोटी मूर्तियों के लिए 390 कृत्रिम टैंक तैयार किए जाएगा।

6 सितंबर से राज्य भर में गणेशोत्सव का आरंभ होगा। ऐसे में महानगरपालिका प्रशासन से तैयारियों को लेकर कोई भी ठोस पहल होती नजर नहीं आ रही है। शहर में पीओपी की मूर्तियों की स्थापना से परहेज को लेकर जनजागरण भी नहीं किया गया है। पिछले साल मनपा ने छोटी मिट्‌टी की मूर्तियों के लिए पांरपारिक कारीगरों के सहयोग से दुकानों को लगाने की घोषणा की थी, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई भी आरंभ होता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में गणेशोत्सव को लेकर मनपा की तैयारियों पर संदेह नजर आ रहा है।

पिछले साल 1.48 लाख मूर्तियों का विसर्जन : पिछले साल शहर भर के 10 जोन में कृत्रिम विसर्जन टैंक को घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष की ओर से तैयार किया गया था। 10 जोन में करीब 413 कृत्रिम टैंक में घरेलू मूर्तियों को विसर्जित किया गया। इन कृत्रिम टैंक में 1 लाख 48 हजार 431 मूर्तियों का विसर्जन किया गया था, इनमें से 7189 पीओपी की मूर्तियों के अलावा 1 लाख 41 हजार 242 मिट्‌टी की मूर्तियों का समावेश था। पिछले कई सालों से पीओपी की मूर्तियों को राेकने के लिए लगातार जनजागरण करने के चलते पूरे गणेशोत्सव में केवल 4.84 फीसदी ही पीओपी की मूर्तियों को पाया गया था।

14 मीट्रिक टन जैविक खाद निर्माण : घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष की ओर से 10 दिनों के गणेशोत्सव के दौरान निर्माल्य संकलन के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। दोनों कचरा कंपनियों की ओर से 6 निर्माल्य संकलन रथ को जोन स्तर पर संचालित किया गया था। 10 दिनों के दौरान पूरे शहर से करीब 178.2 टन निर्माल्य का संकलन हुआ था। भांडेवाड़ी में निर्माल्य पर प्रक्रिया कर करीब 17 मीट्रीक टन जैविक खाद निर्माण करने का दावा घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष की ओर से किया गया है। हालांकि जैविक खाद को उद्यान विभाग ने शहर के उद्यानों के लिए नहीं लिया है।

तैयारियों की जा रही : गणेशोत्सव के लिए शहर भर में तैयारियों को आरंभ कर दिया गया है। सार्वजनिक मंडलों की बड़ी मूर्तियों का विसर्जन इस साल भी कोराड़ी के कृत्रिम विसर्जन टैंक में करने का फैसला किया गया है, जबकि छोटी घरेलू मूर्तियों के लिए करीब 390 कृत्रिम टैंक तैयार किए जाएंगे। डॉ गजेन्द्र महल्ले, उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष, मनपा


Created On :   9 Aug 2024 1:59 PM GMT

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