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गश्त के साथ बचाव: भीमा, सुब्रम्हण्यम पहुंचे नागपुर के पेंच में, अब रंजन का इंतजार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कर्नाटक से लाए दो हाथियों के महावत कर्नाटक लौट गए हैं। अब यह हाथी महाराष्ट्र के महावतों के हाथों में आ गए हैं और घुल-मिल गए हैं। जल्द ही तीसरा हाथी भी वन विभाग लेकर आने वाला है, जिसे कर्नाटक के कुर्ग से लाया जाएगा। इसके बाद एक मादा हाथी भी लायी जाएगी, अभी इसे ढूंढने का काम जारी है।
जिप्सी की जगह लेंगे हाथी : महाराष्ट्र में बाघों की संख्या काफी ज्यादा है। आए दिन बाघ मानवी इलाकों में आ जाते हैं, जो कई बार आदमखोर भी होते हैं। ऐसे में इन बाघों को ट्रैप करने के लिए वन विभाग के पास केवल जिप्सी ही एक पर्याय है। कई बार जिप्सी से बाघों पर नजर रखना संभव नहीं होता। ऐसे में वन विभाग में पेंच में हाथियों को लाने का निर्णय लिया, ताकि जंगल में गश्त के साथ बचाव कार्य इन्हीं के माध्यम से किया जा सके।
कर्नाटक की कुर्ग तहसील से लाया जाएगा रंजन : कुल 4 हाथियों को लाया जाने वाला है, जिसमें 3 नर व एक मादा हाथी है। इनके रहने के लिए 2 हेक्टेयर से ज्यादा की जगह की व्यवस्था कर दी है। 27 नवंबर को नागपुर के पेंच में 2 हाथी लाए गए। जिनके नाम भीमा व सुब्रम्हण्यम है। इन्हें लाने के बाद इनके साथ कर्नाटक से 2 महावत आए थे, जो अभी तक नागपुर में ही इन्हें संभाल रहे थे, लेकिन वन विभाग ने बताया कि, अब यह हाथी यहां के महावतों के तेजी से घुल मिल गए कि, एक माह के पहले ही कर्नाटक से आए महावत कर्नाटक लौट गए हैं। अब यह हाथी नागपुर के महावतों के हाथों में हैं। जल्द ही यहां तीसरा हाथी यानी रंजन आने वाला है। जिसे कर्नाटक के कुर्ग नामक तहसील से लाया जाने वाला है। हालांकि अभी तक मादा हाथी के लिए वन विभाग को कोई विकल्प नहीं मिला है।
Created On :   22 Dec 2023 5:30 PM IST