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घोटाला: नागपुर के आरटीई प्रवेश घोटाले में पुणे कनेक्शन , पैसै जाते ही आ जाते थे नाम
- शाहिद शरीफ बड़ा मोहरा, मास्टर माइंड कौन
- दस्तावेज जांच समिति में कौन-कौन होता है शामिल
- प्रवेश लॉटरी की सूची पुणे से ऑनलाइन होती है जारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीई अंतर्गत शाला प्रकरण का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस प्रकरण का आरोपी शाहिद शरीफ को अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इस प्रकरण में अौर आरोपी बढ़ने की संभावना पुलिस ने जताई है। सूत्रों के अनुसार नागपुर के आरटीई प्रवेश घोटाले के पुणे स्थित आरटीई ऑनलाइन सेंटर से तार जुड़ते नजर आ रहे हैं। इसकी जांच हुई, तो बड़ा खुलासा हो सकता है कि, अगर शाहिद इस प्रकरण का महज एक मोहरा है, तो इसका मास्टर माइंड कौन है।
कार्यालय से फार्म नहीं भरने वालों काे करता था ब्लैकमेल जानकारों का कहना है कि, आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में सबसे पहले ऑनलाइन फार्म भरे जाते हैं। इसके बाद लॉटरी के माध्यम से फार्म भरने वाले का नंबर पुणे से ही ऑनलाइन निकाला जाता है। शाहिद शरीफ खुद अपने कार्यालय से हजारो रुपए लेकर फार्म भरवाता था। जो फार्म नहीं भरते थे, उनके बारे में वह आरटीआई में जानकारी मांगकर उन्हें ब्लैकमेल करता था। शाहिद शरीफ अपने उम्मीदवारों के फार्म कैसे मंजूर करा लेता था, जबकि आरटीई प्रवेश की तमाम प्रक्रियाएं पुणे सेंटर से पूरी होती हैं। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि, शाहिद शरीफ इस प्रकरण का महज एक मोहरा है। इस घोटाले का मास्टर माइंड कोई और है, जिस तक अभी पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाए हैं। आरटीई प्रवेश प्रक्रिया करीब 14 वर्ष पहले राज्य में शुरू की गई थी।
वेरिफिकेशन समिति का सदस्य भी था : शाहिद शरीफ को कई बार दस्ताऐज वेरिफिकेशन समिति का सदस्य भी बनाया गया था। इस दौरान उसने किन-किन अधिकारियों पर दबाव डालकर आरटीई में बच्चों को प्रवेश दिलाया। इसकी छानबीन करने पर पुणे के कई अधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। आरटीई के इस प्रकरण में आरोपी शाहिद शरीफ का छोटा भाई राजा शरीफ गिरफ्तार हो चुका है। वह 8 जून तक पुलिस की रिमांड पर है। सदर पुलिस ने गट शिक्षणाधिकारी कवडू दुर्गे की शिकायत पर फर्जी दस्तावेज द्वारा बच्चों को आरटीई अंतर्गत प्रवेश दिलाने वाले आरोपी प्रशांत हेड़ाऊ आैर राजेश बुवाडे के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान शाहिद शरीफ और उसके भाई राजा का नाम भी सामने आया। शाहिद फरार है और राजा गिरफ्तार हो चुका है।
आरटीई प्रवेश प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों की जांच करने के लिए राज्य के सभी गट शिक्षणाधिकारी-प्रशासन अधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करने का जीआर है। जीआर के अनुसार दस्तावेज जांच समिति में गट शिक्षणाधिकारी-प्रशासन अधिकारी, जांच समिति का एक अध्यक्ष होता है। केंद्र प्रमुख, वार्ड ऑफिसर, 2 मुख्याध्यापक, शासकीय शाला, 2 मुख्याध्यापक, अनुदानित शाला, 2 मुख्याध्यापक, बिना अनुदानित शाला, 2 शिक्षण संस्था के प्रतिनिधि, 2 पालक संस्था के प्रतिनिधि, 2 शिक्षक प्रतिनिधि, पालक-शिक्षक संघ के 2 प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्था के 2 प्रतिनिधि, जांच समिति की रचना में शामिल होते हैं। एक विस्तार शिक्षण अधिकारी समिति की रचना का सदस्य सचिव होता है। उक्त 11 पदों के अधिकारी-सदस्य व सचिव मिलकर दस्तावेजों की छानबीन करने के बाद आरटीई में प्रवेश के लायक माना जाता है।
Created On :   7 Jun 2024 7:04 PM IST