घपलेबाजी: नागपुर में 3 अधिकारियों के कार्यकाल में हुआ चोरी के 60 वाहनों का रजिस्ट्रेशन

नागपुर में 3 अधिकारियों के कार्यकाल में हुआ चोरी के 60 वाहनों का रजिस्ट्रेशन
  • नागपुर ग्रामीण आरटीओ की शुरुआती जांच में उजागर हुए तथ्य
  • पिछले तीन-चार साल में हजारों चोरी के वाहन हुए रजिस्टर्ड
  • हर वाहन पर लेते थे 2 लाख रुपए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर ग्रामीण आरटीओ में चोरी के वाहनों के रजिस्ट्रेशन घोटाले में जांच टीम को शुरआती स्तर पर 60 वाहन मिले हैं, जिन्हें चोरी कर दूसरे राज्यों से लाकर नागपुर ग्रामीण में रजिस्टर्ड करवाया गया था। यह तीन अधिकारियों के कार्यकाल में हुआ। हालांकि, जांच टीम को पिछले 3-4 साल में हजारों वाहन रजिस्टर्ड होने की जानकारी मिली है। खास बात यह है कि, खुद अधिकारियों ने आगे बढ़कर ऐसे वाहनों के रजिस्ट्रेशन किए हैं। जिसकी खोज में टीम जुटी हुई है। ‘दैनिक भास्कर’ के पास उक्त वाहनों के नंबर मौजूद हैं। किन अधिकारियाें ने कैसे इसकी शुुरुआत की और किसकी क्या भूमिका थी, भास्कर पड़ताल में सामने आई है।

500 करोड़ के घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे, ईडी के छापे भी पड़े थे : आरटीओ में जब भी घोटाले की बात होती है, तो सबसे पहले बजरंग खरमाटे का नाम आता है। सूत्रों के अनुसार भले ही उन्हें हटे हुए दो साल से ज्यादा हो गए, लेकिन आज भी विभाग की अवैध वसूली की कमान उनके ही हाथों में है। जब वह ग्रामीण आरटीओ में थे, तब चोरी के वाहनों का रजिस्ट्रेश्न उनके कुछ खास एजेंटों ने किया था। इसे इस घोटाले की शुरुआत मानी जाती है। खरमाटे पर तत्कालीन परिवहन मंत्री अनिल परब के साथ मिलकर करीब 500 करोड़ की अवैध वसूली का आरोप लगा था। इसी के चलते ईडी और इनकम टैक्स ने भी उन पर कार्रवाई की थी। उनकी अवैध वसूली की एक सीडी भी जारी हुई थी। जिसके बाद उन्हें हटाया गया। खरमाटे आरटीओ के रूप में नागपुर में 2019 से 2022 के अंत तक रहे।

घोटाले पर कहा- बाद में जवाब देता हूं : जब भास्कर ने इस घोटाले में शामिल होने के आरोपों पर तत्कालीन आरटीओ बजरंग खरमाटे से बात की, तो उन्होंने शुरुआती सवाल सुनने के बाद कहा- इसका जवाब बाद में देते हैं। हालांकि, बाद में उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

2022 से 2023 तक खरमाटे के सिस्टम को आगे बढ़ाया : ग्रामीण आरटीओ में एआरटीओ रहे शांताराम फासे ने चोरी की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन का काम खरमाटे के कार्यकाल की तरह ही चलने दिया। उनके कार्यकाल में भी एजेंट के जरिए यह काम होता था। शील जामोलकर और बाबा जैसे एजेंट फासे के कार्यकाल में ही काम करते थे।

इंस्पेक्टर और बाबू जो काम करते थे उसके बाद ही मेरे हस्ताक्षर होते थे : इस मामले में जब ‘दैनिक भास्कर’ ने एआरटीओ फासे से इस घोटाले में सवाल किए, तो उनका कहना था कि, विभाग के इंस्पेक्टर और बाबू वाहनों का वेरीफिकेशन कर लाते थे। वे ही संबंधित कागजात चेक करते थेस जब उनकी ‘ओके’ होती थी तब मैं साइन करता था। अब उन्हाेंने क्या किया है, मुझे जानकारी नहीं है।

रजिस्ट्रेशन की छूट दी और एजेंटों की संख्या बढ़ाई : ग्रामीण आरटीओ में एआरटीओ राजेश ज. सरक 2023 से अभी तक कार्यरत हैं। सूत्रों के अनुसार इनके कार्यकाल में जमकर चोरी के वाहन रजिस्ट्रर्ड हुए। उन्होंेने इसके लिए करीब 15 एजेंटों को काम पर लगा रखा था, जो छापा पड़ने के बाद गायब हैं। जिन मामलों में एफआईआर दर्ज हुई उसमें सीधा हस्तक्षेप उनका था, जिसका भास्कर के खुलासे के बाद उनसे रजिस्ट्रेशन का कार्यभार छीन लिया गया है।

अभी जांच चल रही है, मैं क्या कहूं : इस मामले में श्री सरक का कहना है कि, अभी जांच चल रही है। आप जिन 60 वाहनों की बात कर रहे हैं, उसके बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह पाऊंगा, जो भी तय करना है जांच एजेंसियों को करना है।

यह वाहन हुए रजिस्टर्ड :एम.एच.-40-सी.टी. सीरीज के 0468, 0472, 0473, 0474, 0475, 0635, 0773, 0774, 0778, 0782, 0783, 0926, 0927, 1288, 1295, 1297, 1298, 1303, 1304, 1310, 1212, 1812, एम.एच.-40-सी.टी. सीरीज के 3035, 3036, 3038, 3040, 3041, एम.एच.-40-सी.डी. सीरीज के 1383, 1433, 1919, 2426, 2912, 2955, 3641, 3642, 4818, 7342, 8798, एम.एच.-40-सी.एम. सीरीज के 0638, 1404, 1507, 2337, 2478, 2480, 3009, 3098, 6949, 7602, 7603, 7605, 7588, 7589, 7593, 7584, 7590, 7318, 9340, एम.एच.-40-बीएल सीरीज के 7698, 8525, 8399, 9412.

Created On :   4 May 2024 8:00 PM IST

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