कोर्ट-कचहरी: अरुण गवली की रिहाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, उम्रकैद की काट रहा है सजा

अरुण गवली की रिहाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, उम्रकैद की काट रहा है सजा
  • राज्य सरकार ने समय पूर्व रिहाई के फैसले को दी चुनौती
  • राज्य सरकार को चार सप्ताह में निर्णय लेने के आदेश दिए थे
  • गवली ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बाॅम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अरुण गवली उर्फ डैडी की समय पूर्व रिहाई पर राज्य सरकार को चार सप्ताह में फैसला लेने के आदेश दिए थे। हाई कोर्ट के इस फैसले को राज्य सरकार के गृह विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनाैती दी है। नागपुर खंडपीठ में अरुण गवली ने याचिका दायर कर हत्या के आरोप में अपनी उम्रकैद की सजा में छूट देने की मांग की है। हाई कोर्ट ने गवली को सजा में छूट देते हुए समय पूर्व रिहाई पर राज्य सरकार को चार सप्ताह में निर्णय लेने के आदेश दिए थे। राज्य सरकार ने इस फैसले को चुनौती दी गई है। बता दें कि, गवली शिवसेना नगरसेवक कमलाकर जामसांदेकर की हत्या के दोष में नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में उम्रकैद की सजा काट रराज्य सरकार को चार सप्ताह में निर्णय लेने के आदेश है।

क्या है गवली की याचिका : गवली की ओर से दायर की याचिका के अनुसार, 10 जनवरी 2006 के एक सरकारी आदेश में 65 वर्ष की आयु पूरी कर चुके, शारीरिक रूप से अक्षम और आधी कैद पूरी कर चुके कैदियों को शेष सजा से छूट के साथ रिहा करने का प्रावधान है। गवली ने शुरू में जेल अधीक्षक को एक आवेदन देकर इस आधार पर सजा कम करने की मांग की थी, लेकिन जेल अधीक्षक ने गवली की अर्जी खारिज कर दी थी। इसलिए गवली ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 5 अप्रैल को फैसला देते हुए गवली की मांग मंजूर की। साथ ही राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय लेने का आदेश दिया। बाद में राज्य सरकार के अनुरोध पर हाई कोर्ट ने एक महीने का समय बढ़ा कर दिया है।

गवली को इस प्रावधान का लाभ नहीं मिल सकता : अरुण गवली को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही वह मकोका में भी दोषी है। इसलिए सरकार द्वारा 2006 में किए गए प्रावधान का लाभ गवली को नहीं मिल सकता, ऐसा बताते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद यानी 8 जुलाई के बाद होने की संभावना है।

Created On :   23 May 2024 5:13 PM IST

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