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आपरेशन: नागपुर में दो साल में 418 शालेय विद्यार्थियों की हृदयरोग शल्यक्रिया की गई
- ह्रदय रोग पीड़ित बालकों को केंद्र की योजना का मिला लाभ
- विभाग में नागपुर जिले का आंकड़ा अब तक अव्वल
- स्वास्थ्य जांच के लिए जिले में 38 दल कार्यरत
डिजिटल डेस्क, नागपुर । राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत आंगनवाड़ियों व स्कूलों में शून्य से 18 वर्ष आयु के विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच में ह्रदय रोग की चिंतनीय स्थिति सामने आई। हालांकि राहत की बात यह है कि गंभीरता से ध्यान दिए जाने के कारण न सिर्फ ऐसे बच्चों की शल्य क्रिया कर जान बचाई जा सकी, वहीं अभिभावकों को इस रोग के प्रति आगाह भी किया गया। जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत दो साल में 418 शालेय विद्यार्थियों की हृदयरोग शल्यक्रिया की गई। सरकार की विविध योजना अंतर्गत शल्यक्रिया व औषधोपचार का संपूर्ण खर्च किया गया। जिला परिषद सीईओ सौम्या शर्मा व जिला शल्यचिकित्सक डॉ. निवृत्ति राठोड़ ने विशेष ध्यान केंद्रित कर हृदयरोग पीड़ित विद्यार्थियों को नया जीवन दिया।
जिले में 38 स्वास्थ्य जांच दल : आंगनवाड़ी तथा शालेय विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच के लिए जिले में 38 दल कार्यरत हैं। 2 डॉक्टर, 1 स्वास्थ्य सेविका, 1 औषधि निर्माता के दल का गठन किया गया है। जन्म से आई विकृति, विविध कारणों से हुई बीमारियां तथा वृद्धि दरमियान होनेवाली बीमारियों का निदान कर उपचार किया जाता है।
विभाग में सर्वाधिक नागपुर में शल्यक्रिया : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत आंगनवाड़ियों में स्कूलों में शून्य से 18 वर्ष आयु के विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच की गई। इस दरमियान विविध बीमारियों से पीड़ितों को खोजा गया। साल 2022-2023 में हृदयरोग से पीड़ित 251 और साल 2023-2024 में 167 बालकों की शल्यक्रिया की गई। नागपुर विभाग में नागपुर जिले में सर्वाधिक शल्यक्रिया किए जाने का जिला शल्यचिकित्सा कार्यालय ने दावा किया है।
हर साल 684408 विद्यार्थियों की जांच :राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से शून्य से 18 साल आयुवर्ग के 684408 विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच की जाती है। शूल्य से 6 साल आयुवर्ग के 256851 और 6 से 18 आयुवर्ग के 416593 विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच की गई। बीमार पाए गए विद्यार्थियों को औषधोपचार दिया गया। जिला समन्वयक अमोल खोब्रागड़े ने अहम भूमिका निभाई।
2606 विद्यार्थियों की अन्य शल्यक्रिया : स्वास्थ जांच में अन्य समस्याओं से पीड़ित 2606 विद्यार्थियों की सामान्य तथा गंभीर शल्यक्रियाएं की गई। इन शल्यक्रियाओं में आर्थोपेडिक, अनडिस्डेंटटेस्टीज, हायड्रोसिल, हर्निया, अपेंडिक्स, क्लीप लीप पैलेट, स्क्रींट, डेंटल, ईएनटी, किडनी आदि का समावेश रहा।
1 अप्रैल 2013 से उपक्रम की शुरूआत : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की राज्य में 1 अप्रैल 2013 से शुरूआत हुई। उससे पहले फरवरी 2008 से राज्य में शालेय स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा था। उसे सफलता मिलने पर 6 फरवरी 2013 को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्ते पालघर जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। 1 अप्रैल 2013 से संपूर्ण राज्य में अमल शुरू हुआ।
Created On :   3 March 2024 10:12 AM GMT