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सुरक्षा पर सवाल: नागपुर बना मेडिकल हब लेकिन शहर के 314 में से 81 अस्पताल असुरक्षित
- मनपा के फायर ऑडिट में चौंकाने वाला खुलासा
- अग्निशमन दल का दावा जल्द होगी कार्रवाई
- दिल्ली के निजी अस्पताल में अग्निकांड में 9 शिशुओं की मौत हो गई थी
डिजिटल डेस्क, नागपुर । हाल ही में दिल्ली के निजी अस्पताल में आगजनी की घटना में नौ शिशुओं की मौत हो गई थी। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से महानगरपालिका और नगर पालिका अंतर्गत निजी अस्पतालों के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। शहर में मनपा के अग्निशमन विभाग ने निजी अस्पतालों का फायर ऑडिट किया। इस दौरान शहर के 314 में से 81 अस्पतालों को असुरक्षित पाया गया। संबंधित अस्पताल प्रबंधन और संचालन कर्ताओं को नोटिस देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। जल्द ही नियमों का पालन कर अग्निशमन इंतजामों को पूरा नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई करने का भी प्रयास किया जा रहा है।
9 अग्निशमन केंद्रों ने किया निरीक्षण : मनपा आयुक्त और प्रशासक अभिजीत चौधरी के निर्देश पर 9 अग्निशमन केंद्रों के माध्यम से शहर के निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। सभी केन्द्र के अग्निशमन अधिकारियों ने लगभग 314 अस्पतालों की जांच की। इनमें से 118 अस्पताल प्रबंधन ने अंतिम अग्निशमन नियम (कम्प्लाइन्स) प्रमाणपत्र प्राप्त किया है, जबकि 62 अस्पतालों को लेकर अस्थायी रूप से निर्माणकार्य के लिए प्रमाणपत्र दिया हुआ है। अस्पतालों में आगजनी से सुरक्षा को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। करीब 81 निजी अस्पतालों को सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक माना गया है।
91 अस्पतालों में अग्निशमन उपकरणों की कमी : फायर स्टेशनों के अग्निशमन दल द्वारा 91 अस्पतालों में अग्निशमन उपकरणों की कमी पाई गई है। इतना ही नहीं अस्पताल प्रबंधन की ओर से महाराष्ट्र अग्नि प्रतिबंधक और जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम, 2006 का पालन भी नहीं किया गया है। शहर के गंजीपेठ फायर स्टेशन के तहत 52 अस्पतालों में प्राथमिक अग्निशमन उपकरण नहीं पाए गए। ऐसे में अग्निशमन विभाग ने सभी 52 अस्पतालों को असुरक्षित घोषित कर दिया। सक्करदरा फायर स्टेशन के तहत 20 अस्पतालों आगजनी से सुरक्षा इंतजामों की कमी पाई गई, इसमें से दोबारा परीक्षण में 16 अस्पतालों को असुरक्षित घोषित किया गया।
नोटिस जारी : शहर मेंं 9 फायर स्टेशनों के अंतर्गत 314 निजी अस्पतालों का सर्वेक्षण किया गया है, इनमें से 81 अस्पतालों में अग्निशमन सुरक्षा इंतजामों की कमी के चलते असुरक्षित पाया गया है। अग्निशमन सुरक्षा और जीवसुरक्षा मानक 2006 और संशोधित 2023 की नियमावली के तहत नोटिस देकर कमी को पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके बाद असुरक्षित इमारत घोषित कर बिजली और जलापूर्ति बंद करने की कार्रवाई की जाएगी। -बीपी चंदनखेड़े, प्रभारी मुख्य अग्निशमन अधिकारी, मनपा
45 दिनों बाद होगी कड़ी कार्रवाई : अग्निशमन विभाग के मुताबिक, 21 अस्पतालों के प्रबंधन ने अस्थायी फायर एनओसी के लिए आवेदन किया हैं, जबकि 37 अस्पतालों की ओर से अग्निशमन सुरक्षा उपाययोजना को लेकर पहल आरंभ कर दी गई है। अग्निशमन विभाग की ओर से महाराष्ट्र अग्नि शमन सुरक्षा और जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम, 2006 के तहत नोटिस जारी कर सुरक्षा इंतजामों को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। नियमों का पालन नहीं होने पर धारा 8 (1) के तहत असुरक्षित इमारत घोषित कर बिजली और जलापूर्ति बंद करने की कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे में 45 दिनों के भीतर नियमों का पालन करने की अनिवार्यता दी गई है।
Created On :   28 Jun 2024 11:24 AM IST