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फिजूलखर्ची...: अपनी खुद की जगह उपलब्ध फिर भी जीएसटी हर महीने दे रहा 90 हजार किराया
- जीएसटी ने सीबीआईसी को भेजा है निधि संबंधी प्रस्ताव
- जगह मिली, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने नहीं मिली निधि
- निधि संबंधी प्रस्ताव सीबीआईसी को भेजा
डिजिटल डेस्क, नागपुर । केंद्रीय वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने कमिश्नरेट (ऑडिट) के लिए सीजीआे में लगभग 9 हजार वर्ग फीट जगह ली, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा नहीं होने से यहां कामकाज शुरू नहीं हो सका है। जीएसटी विभाग हर महीने इस जगह का लगभग 90 हजार रुपए किराया दे रहा है। जीएसटी विभाग नागपुर ने इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए निधि संबंधी प्रस्ताव सेंट्रल बोर्ड आॅफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एण्ड कस्टम्स (सीबीआईसी) को भेजा है।
एक साल पहले जगह अलाॅट : सिविल लाइन्स स्थित जीएसटी भवन में काम के लिए जगह कम पड़ने से विभाग अन्य स्थानों पर जगह ढूंढ रहा है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की खुद की इमारत बनने के बाद सीबीआई ने सेमीनरी हिल्स सीजीआे स्थित अपना कार्यालय बंद कर दिया। जीएसटी विभाग ने इस जगह पर दावा किया आैर विभाग को एक साल पहले यह जगह अलाॅट हो गई। जीएसटी विभाग यहां कमिश्नरेट (आडिट) शिफ्ट करना चाहता है। फिलहाल कमिश्नरेट (आडिट) जीएसटी भवन में है आैर काम बढ़ने से यहां अधिकारी-कर्मचारियों के लिए जगह कम पड़ रही है। जगह अलाॅट होने के बाद से जीएसटी विभाग इस 9 हजार वर्ग फीट जगह का हर महीने लगभग 90 हजार रुपए किराया दे रहा है। जीएसटी विभाग ने निधि संबंधी प्रस्ताव सीबीआईसी दिल्ली को भेजा है, लेकिन अभी तक निधि नहीं मिल सकी है। इस कारण यहां इंफ्रास्ट्रक्चर, कैबिन, टेबल, कुर्सी, फर्नीचर का काम नहीं हो सका है। जीएसटी आॅडिट सेक्शन का थोड़ा हिस्सा जरूर इस नई जगह आया है, लेकिन पूरा आॅडिट सेक्शन इस जगह पर आने में अभी लंबा समय लग सकता है।
सरकार की तिजोरी भरता है जीएसटी : जीएसटी विभाग सरकार को राजस्व देनेवाला विभाग है। सरकारी तिजोरी भरने का काम जीएसटी विभाग करता है। जीएसटी से आनेवाले राजस्व के दम पर कई सरकारी योजना व प्रोजेक्ट जमीन पर उतर पाते हैं। सरकार की तिजोरी भरनेवाले विभाग को ही एक साल से निधि नहीं मिल रही।
Created On :   3 July 2024 11:18 AM GMT