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विधानसभा में विधेयक पेश: इमारत पुनर्विकास का विरोध करने वाले फ्लैट धारक होंगे निष्कासित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। फ्लैटधारकों के विरोध के कारण लंबित इमारत पुनर्विकास को अब गति मिलेगी। विरोध करने वाले फ्लैटधारक निष्कासित होंगे। गुरुवार को राज्य सरकार ने विधानसभा में ओनरशिप मालकियत अधिनियम के संबंध में विधेयक पेश किया है। अधिनियम बन जाने पर इमारत पुनर्विकास के मामले में फ्लैटधारकों का विरोध मान्य नहीं रहेगा।
तैयार होगा नया अधिनियम
अपार्टमेंट पुनर्विकास के मामले में फ्लैटधारकों का विरोध बाधा बनता रहा है। नागपुर, पुणे, मुंबई जैसे महानगरों में बड़ी आवासीय इमारत के पुनर्विकास का संकट भवन निर्माण व्यवसाय के क्षेत्र में परेशानी का कारण बनता रहा है। इस मामले पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की सरकार ने गहन चर्चा के बाद नया अधिनियम तैयार करने का निर्णय लिया। अक्टूबर 2023 में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया। महाराष्ट्र अपार्टमेंट ओनरशिप मालकी एक्ट अंतर्गत महाराष्ट्र वेश्म मालिकी अधिनियम 1970 में पंजीयन कराई गई ईमारत के पुनर्विकास को गति दी जाएगी।
धारा 6 ब को शामिल किया जाएगा
इमारत के पुनर्विकास का विरोध करने वाले फ्लैट मालिक के निष्कासन के संबंध में अधिनियम में सुधार किया जाएगा। विरोध करने वाले रहवासी या अपार्टमेंट समिति सदस्य के विरुद्ध निष्कासन कार्रवाई के लिए अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान किया जाएगा। अधिनियम में धारा 6 के बाद धारा 6 ब का समावेश किया जाएगा। अभी जो अधिनियम है, उसमें 7 जुलाई 2018 में किए गए सुधार में बहुसंख्य फ्लैट मालिक की सहमति बिना ईमारत का पुनर्विकास नहीं किया जा सकता है। बहुसंख्य शब्द की व्याख्या ईमारत के कुल फ्लैट धारकों में 51 प्रतिशत फ्लैट धारक हैं। धारा 6 के अनुसार बहुमत से पारित किए गए प्रस्ताव में कुछ सदस्यों के विरोध व असहयोग के मामले में उन पर कार्रवाई करने का स्पष्ट प्रावधान नहीं है। लिहाजा विरोध के कारण कई इमारतों का पुनर्विकास लंबित रहकर धोखादायक स्थिति बन जाती है। अब महाराष्ट्र अपार्टमेंट ओनरशिप एक्ट में जो प्रावधान किए जा रहे हैं, उससे विरोधक फ्लैट मालिकों पर कार्रवाई की जा सकेगी।
Created On :   8 Dec 2023 1:30 PM GMT