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शिक्षा: आरटीई बना बखेड़ा, प्रवेश प्रक्रिया अधर में लटकने से पालकों में निराशा
- राज्य में 15 से, विदर्भ में 1 जुलाई से खुलेंगे स्कूल
- आरटीई के पोर्टल पर सूचना जारी की गई
- अब अगली सुनवाई का इंतजार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार अंतर्गत 25 फीसदी आरक्षित सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया न्यायालय के आदेश के इंतजार में लटक गई है। 7 जून को लॉटरी निकाली गई, लेकिन परिणाम की घोषणा न्यायालय के आदेश के बाद करने की आरटीई के पोर्टल पर सूचना जारी की गई है। 12 जून को अदालत में सुनवाई नहीं हुई। अब अगली सुनवाई तक इंतजार करना पड़ेगा। विदर्भ में 1 जुलाई और राज्य के अन्य प्रदेशों में 15 जून से स्कूल खुल रहे हैं। प्रवेश प्रक्रिया बीच में लटक जाने से पालक पसोपेश में पड़ गए हैं।
स्कूलों में सीटें भरने से नया पेंच : राज्य सरकार ने फरवरी महीने में निजी अनुदानित, सरकारी, स्थानीय निकाय संचालित स्कूलों में आरटीई प्रवेश को प्राथमिकता देने का नोटिफिकेशन जारी किया था। उसमें स्वयंअर्थसहाय स्कूलों को छूट दी गई। मौके का फायदा उठाकर स्वयंअर्थसहाय स्कूलों ने मार्च-अप्रैल में उपलब्ध सीटें भर लीं। न्यायालय के आदेश पर पुरानी पद्धति से आरटीई प्रवेश के लिए आवेदन मंगवाए गए। स्वयंअर्थसहाय स्कूलों ने पहले ही सीटें भरने से अब अारटीई प्रवेश प्रक्रिया अंतर्गत आवंटित किए जाने वाली सीटें भरने का नया पेंच आ गया है।
न्यायालयीन पेंच में फंसी प्रवेश प्रक्रिया : दिसंबर-जनवरी में शुरू होने वाली आरटीई प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत ही विलंब से हुई। पहले संशोधित नियम अनुसार आवेदन मंगवाए गए। उसे न्यायालय में चुनौती देने पर अंतरिम रोक लगाई गई। न्यायालय के आदेश पर पुरानी पद्धति से प्रवेश प्रक्रिया पर अमल कर नए सिरे से आवेदन मंगवाए गए। प्राप्त आवेदनों की लॉटरी निकाली गई। न्यायालय में याचिका लंबित रहने से शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि, न्यायालय के आदेश के अनुसार प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
नागपुर जिले में 6920 सीट आरक्षित : नागपुर जिले के 655 स्कूलों में 6920 सीट आरक्षित हैं। 17 मई से 4 जून तक ऑनलाइन आवेदन भरे गए। 20 हजार 350 आवेदन भरे गए हैं। प्रवेश प्रक्रिया का पेंच फंस जाने से पालकों में निराशा छाई हुई है।
Created On :   15 Jun 2024 7:06 PM IST