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रेप: वीडियो वायरल करने की धमकी देकर महिला से दुष्कर्म करने वाले पर मामला दर्ज
- जान-पहचान होने से दोनों करीब आए
- अलग-अलग जगह ले जाकर किया दुष्कर्म
- ब्लैकमेलिंक कर देने लगा धमकी
डिजिटल डेस्क, नागपुर । पांचपावली क्षेत्र की एक 27 वर्षीय महिला को झांसा देकर आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता की शिकायत पर पांचपावली थाने के उपनिरीक्षक प्रशांत गायकवाड़ ने आरोपी शुभम शिवाजी पाटील (27), पांचपावली निवासी के खिलाफ विविध धाराओं में मामला दर्ज किया। गायकवाड़ के अनुसार मामले को रामटेक पुलिस को सौंप दिया गया है। आगे की जांच रामटेक पुलिस करेगी।
फरार आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस : पुलिस के अनुसार आरोपी शुभम पाटील की पीड़ित महिला से जान-पहचान थी। उसने इसका फायदा उठाकर फरवरी 2023 से 4 अप्रैल 2024 के बीच पीड़िता को लालच देकर करीबी बना ली और पीड़िता को अलग- अलग जगह पर ले जाकर उससे जबरन दुष्कर्म किया। इस दौरान आरोपी ने पीड़ित महिला के कुछ आपत्तिजनक फोटो भी खींच लिए और फोटो को वायरल करने की धमकी देकर उससे दुष्कर्म करता रहा। अंत महिला ने पांचपावली थाने में शिकायत की। शिकायत पर अारोपी के खिलाफ धारा 376 (2),(एन), 506 व सहधारा 66 (ड) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामला रामटेक पुलिस को सौंप दिया गया है। आरोपी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
हरीश ग्वालबंशी की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका खारिज : नागपुर सत्र न्यायालय ने भू-माफिया हरीश ग्वालबंशी की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.आर. पडवाल ने यह फैसला दिया।
यह है मामला : 4 अप्रैल 2024 को मनीष उइके की शिकायत पर भू-माफिया एवं पूर्व कांग्रेस पार्षद हरीश ग्वालबंशी के विरुद्ध गिट्टीखदान थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। मनीष उइके ने आरोप लगाया था कि, हरीश ग्वालबंशी ने जय गृह निर्माण सहकारी समिति के सदस्यों के साथ मिलकर मौजा हजारीपहाड़ में उनकी पारिवारिक जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया और होटल याराना और वामन पान की दुकान खोल ली। जब मनीष उइके ने हरीश से जमीन खाली करने को कहा, तो हरीश ने जातिसूचक गाली देते हुए गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी, लेकिन एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद हरीश ग्वालबंशी ने सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका की। हरीश ने सत्र न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि, जय गृह निर्माण सहकारी समिति ने मनीष उइके के दादा से जमीन खरीदी थी और जय गृह निर्माण सहकारी समिति ने उन्हें जमीन के रख-रखाव का अधिकार दिया था। दलील दी कि, एफआईआर दर्ज करने में दो साल की देरी के कारण वह अग्रिम जमानत के लिए पात्र है। इसके विपरीत हरीश की गिरफ्तारी पूर्व जमानत अर्जी खारिज करने की शिकायतकर्ता ने न्यायालय से विनंती की थी। कोर्ट ने सभी की दलील सुनने के बाद हरीश ग्वालबंशी की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी। हरीश ग्वालबंशी की ओर से एड. सुमित बोदलकर, पुलिस की ओर से एड. प्रशांत साखरे और शिकायतकर्ता मनीष उइके की ओर से एड. भावेश सुगंध ने पैरवी की।
Created On :   20 April 2024 3:58 PM IST