- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- भाजपा का कैलेंडर अलग पंचांग भी अलग,...
निशाना: भाजपा का कैलेंडर अलग पंचांग भी अलग, अब वे पंचांगकर्ता बन गए, तिथि न होने पर भी कर रहे आयोजन
- राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड़ का निशाना
- राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उन्होंने की भाजपा की खिंचाई
- रामनवमी की तिथि पर आयोजन करने की दी सलाह
डिजिटल डेस्क, नागपुर । भाजपा पर निशाना साधते हुए राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड़ ने कहा कि, रामनवमी का दिन होने के बावजूद 22 जनवरी की तिथि चुनी। इससे भगवान श्रीराम का कोई संबंध नहीं है। चारों शंकराचार्य कह रहे हैं कि, वास्तु अधूरी है। उसमें प्राण-प्रतिष्ठा न करें, लेकिन उन्हें पागलों में गिना जा रहा है। भाजपावालों का कैलेंडर अलग है। उनका पंचांग भी अलग है। अब वे पंचांगकर्ता बन गए हैं। नागपुर में एक कार्यक्रम के सिलसिले में पहुंचने पर वे बात कर रहे थे। राम मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा।
दिल्ली से टाइप होकर आया था नार्वेकर का निर्णय : अपात्रता के फैसले पर आव्हाड़ ने कहा कि, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने दिया निर्णय दिल्ली से टाइप होकर आया था। उसमें अनेक कमियां हैं। यह अपेक्षित था कि, नार्वेकर ऐसा ही निर्णय देंगे। यह भी पता था कि, सर्वोच्च न्यायालय जाना ही होगा। चुनाव से पहले राम के नाम पर वातावरण बनाने की योजना थी, इसलिए 22 जनवरी की तिथि चुनी गई। उन्होंने सवाल किया कि, 22 जनवरी और राम का कोई संबंध है क्या?
राम बाबत दिए बयान पर खेद जता चुका हूं : जितेंद्र आव्हाड़ ने कहा कि, भगवान श्रीराम बहुजन हैं। राम क्षत्रीय हैं। वे बताए कि, राम क्षत्रीय नहीं हैं। राम क्षत्रीय है, यानी वह बहुजन हो गया और देश में बहुजनों की संख्या ज्यादा है। भाजपा वालों का राम हमारे हैं, कहना गलत है। हम बहुजन हैं, हम मांस खाते हैं, यह मैंने कहा था। राम बाबत दिए गए वक्तव्य पर मैंने खेद भी व्यक्त किया है। इसके बाद मैंने कुछ नहीं कहा है।
देश में क्या 80 प्रतिशत लोग गोबर खाते हैं : भाजपा ने मांस खाने वालों की तुलना गोबर से की है। मांस खाने वाले व्यक्ति को आप गोबर खाने वाला कह रहे हैं, तो क्या देश में 80 प्रतिशत लोग गोबर खाते हैं। तुम्हारे बीच रहने वाले अनेक लोग मांस खाते हैं यानी वे गोबर खाते हैं, यह कहना है क्या? उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि, गोबर और मांस पर ही बोलना है, तो कभी-कभी तुमने भी मांस यानी गोबर खाया है।
Created On :   17 Jan 2024 1:12 PM IST