आदेश: 6 महीने में निर्णय लेने का आदेश, आंगनवाड़ी सेविका को ग्रेच्युटी लागू करें

6 महीने में निर्णय लेने का आदेश, आंगनवाड़ी सेविका को ग्रेच्युटी लागू करें
  • राज्य सरकार को कोर्ट के आदेश
  • 204 सेवानिवृत्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने दायर की याचिका
  • सेविकाओं व सहायिकाओं को पेंशन नहीं मिलती

डिजिटल डेस्क, नागपुर । सुप्रीम कोर्ट ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए ग्रेच्युटी लागू करने का आदेश दिया था। इसी तर्ज पर महाराष्ट्र के आंगनवाड़ी सेविका के लिए फैसला लेने का आदेश बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, आंगनवाड़ी सेविकाओं को चार सप्ताह में राज्य सरकार को निवेदन देना है और राज्य सरकार को हर हाल में छह महीने में इस पर निर्णय लेने का आदेश दिया है।

पेंशन नहीं मिलती : विदर्भ की मंदा केशट्टीवार सहित 204 सेवानिवृत्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर ग्रेच्युटी का लाभ देने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया। याचिका के अनुसार केंद्र सरकार की योजना के तहत 1975 से राज्यभर में आंगनवाड़ी सेविकाओं का काम शुरू हुआ। आंगनवाड़ी सेविका विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए काम कर रही हैं। राज्य सरकार के ग्राम विकास विभाग के तहत जिला परिषद की विभिन्न योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एकीकृत बाल विकास और आंगनवाड़ी केंद्र की लागत राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा साझा की जाती है, लेकिन इन सेविकाओं व सहायिकाओं को पेंशन नहीं मिलती है।

लाभ के हकदार हैं : सेवानिवृत्ति के बाद सेविका को एक लाख रुपए और सहायकों को 75 हजार रुपए की एकमुश्त राशि दी जाती है। हालांकि, सेवानिवृत्ति के बाद इतनी कम रकम से गुजारा करना संभव नहीं है। ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के मुताबिक, ग्रेच्युटी का लाभ सेवानिवृत्ति के बाद पांच साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को दिया जाता है। याचिका में कहा गया है, हम इस लाभ के हकदार हैं। इस लाभ को पाने के लिए आंगनवाड़ी कर्मचारी संगठन के माध्यम से एकीकृत बाल विकास विभाग के परियोजना निदेशक को ज्ञापन भी दिया गया। 25 अप्रैल, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि देशभर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं ग्रेच्युटी के लिए पात्र हैं। हालांकि जब राज्य सरकार ने इसे लागू करने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया, तो सेविकाआें ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। मामले पर शुक्रवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. राहुल शिरालकर ने पैरवी की।

बुकी सोंटू को हाई कोर्ट से मिली सशर्त जमानत : ऑनलाइन गेमिंग के जरिए चावल कारोबारी से करोड़ों की ठगी करने वाले बुकी अनंत उर्फ सोंटू जैन को बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने सशर्त जमानत दे दी। सोंटू के खिलाफ सिविल लाइन्स और सदर पुलिस स्टेशन में अपराधिक मामला दर्ज है। सदर पुलिस स्टेशन में दायर मामले में जमानत देने की याचिका सोंटू ने हाई कोर्ट में की थी। सोंटू की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ सुनील मनोहर, फिरियादी विक्रांत अग्रवाल की ओर से एड. श्रीरंग भांडारकर ने पैरवी की।

Created On :   16 March 2024 4:31 PM IST

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