नागपुर: सुनील केदार का इको-एमआरआई सामान्य, हालत सामान्य होने पर ही होगी छुट्टी

सुनील केदार का इको-एमआरआई सामान्य, हालत सामान्य होने पर ही होगी छुट्टी
  • केदार का इलाज जारी
  • इको-एमआरआई की रिपोर्ट आई सामान्य
  • तबियक ठीक होने के बाद छुट्‌टी मिलेगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर जिला सहकारी बैंक (एनडीसीसी) घोटाला मामले में पूर्व मंत्री व विधायक सुनील केदार समेत 6 लोगों को दोषी मानते हुए न्यायालय ने 5 साल की कैद व 12.50 लाख नकद जुर्माने की सजा सुनाई है। शुक्रवार की रात मेडिकल में जांच के दौरान तबीयत खराब होने से सुनील केदार को भर्ती किया गया। मेडिकल के वार्ड क्रमांक 52 अतिदक्षता विभाग में उन्हें रखा गया है। रविवार को केदार की इको व एमआरआई रिपोर्ट सामान्य होने की जानकारी सूत्रों ने दी। उनकी सीटी एंजियोग्राफी की जानेवाली है। फिलहाल इसके लिए कुछ समय तक इंतजार किया जा रहा है। इस जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही मेडिकल टीम अगला निर्णय लेगी। सामान्य रिपोर्ट आने पर ही छुट्‌टी देने पर विचार किया जा सकता है। बताया गया कि न्यायालय द्वारा दोषी करार घटना और रविवार को उनका विधानसभा सदस्यता रद्द कर देने से गहरा सदमा पहुंचा है।

हालत सामान्य होने पर ही छुट्टी

सूत्रों के अनुसार क्रिएटिनिन बढ़ने से शरीर में विविध समस्याएं पैदा होती हैं। इसलिए फिलहाल इसका स्तर सामान्य करने की दिशा में उपचार शुरू है। वहीं माइग्रेन का उपचार करने के लिए एमआरआई करने पर उसकी रिपोर्ट सामान्य है। एक्स-रे निकालने पर उनकी छाती में कफ दिखाई दिया। जब तक उनकी हालत सामान्य नहीं हो जाती, तब तक उन्हें छुट्‌टी नहीं दी जा सकती। मेडिकल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा केदार की निगरानी की जा रही है। जिस अतिदक्षता विभाग में केदार को रखा गया है, वहां पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त लगाया गया है। इसके अलावा विभाग के सामने मेडिकल प्रशासन द्वारा सुरक्षा जवानाें को तैनात किया गया है। भीतर जो मरीज हैं, उनके परिजनों को ही प्रवेश दिया जा रहा है।

ऐसे रहा राजनीतिक सफर

सुनील केदार का जन्म 7 अप्रैल 1961 को हुआ था। वह महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वह नागपुर के रहने वाले हैं। सुनील केदार महाराष्ट्र के दिवंगत पूर्व मंत्री और नागपुर जिले में सहकारी आंदोलन के अग्रणी बाबासाहब केदार के बेटे हैं। उन्होंने कृषि विज्ञान में स्नातक किया और मास्टर ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट से आगे की पढ़ाई की। उनकी पत्नी का नाम अनुजा विजयकर है। दंपति की दो बेटियां हैं, जिनका नाम पूर्णिमा और पल्लवी है। सुनील केदार ने 1992 में नागपुर जिला परिषद के सदस्य का चुनाव लड़ा। उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत यहीं से हुई। 1995 में 9वीं महाराष्ट्र विधानसभा में वह सावनेर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक बने। 1995 में केदार बिजली मंत्रालय और परिवहन मंत्रालय के राज्य मंत्री थे। एक बार फिर 2004 में 11वीं महाराष्ट्र विधानसभा में वह सावनेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने।

कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं आई है

नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में हुए 150 करोड़ रुपए के घोटाले में सुनील केदार मुख्य आरोपी हैं। उनके साथ अन्य 5 आरोपियाें को 5 साल की कैद व 12.50 लाख रुपए प्रति आरोपी जुर्माना लगाया गया है। 21 साल के बाद इस मामले में बड़ा फैसला आया है। शुक्रवार को मेडिकल में जांच के दौरान तबीयत खराब होने की पुष्टि होने से उन्हें मेडिकल के वार्ड क्रमांक 52 अतिदक्षता विभाग में भर्ती किया गया। वहां ऑक्सीजन लगाया गया। शनिवार को हृदयरोग विकार की जांच करने के लिए मेडिकल से संलग्न सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों से जांच की गई। सूत्रों के अनुसार कोरोना जांच भी की गई है। खबर लिखे जाने तक सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई थी। रविवार को एमआरआई की रिपोर्ट सामान्य पाई गई है। शनिवार के मुकाबले रविवार को उनकी इको रिपोर्ट सामान्य थी। माइग्रेन के कारण सिर दर्द की समस्या बनी हुई है। उन्हे खांसी के साथ ही श्वसन क्रिया में परेशानी हो रही है। इसलिए उन्हें ऑक्सीजन लगाया गया है। इससे पहले एक जांच में क्रिएटिनिन बढ़ने का पता चला है।

Created On :   25 Dec 2023 1:32 PM GMT

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