नाराजगी: बिना मंजूरी टनल का काम शुरू करना महा मेट्रो को भारी पड़ा, कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

बिना मंजूरी टनल का काम शुरू करना महा मेट्रो को भारी पड़ा, कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण
  • कोर्ट ने महामेट्रो को जमकर फटकार लगाई
  • कोर्ट ने पत्र पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए दिए आदेश
  • प्रस्तावित भूमिगत मार्ग (टनल) की आवश्यकता पर सवाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर । बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से फ्रीडम पार्क मेट्रो स्टेशन होते हुए मानस चौक तक प्रस्तावित भूमिगत मार्ग (टनल) को लेकर सुमोटो जनहित याचिका दायर की है। इस मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में महामेट्रो की ओर से मनपा के वृक्ष प्राधिकरण से मंजूरी मिले बिना ही काम शुरू करने की बात सामने आई। इस पर कोर्ट ने महामेट्रो को जमकर फटकार लगाई। साथ ही कोर्ट ने महामेट्रो के एमडी को 10 जून तक मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।

आवश्यकता पर सवाल : पूर्व मानद वन्यजीव रक्षक डॉ. जयदीप दास ने हाई कोर्ट को पत्र भेजते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से फ्रीडम पार्क मेट्रो स्टेशन होते हुए मानस चौक तक प्रस्तावित भूमिगत मार्ग (टनल) की आवश्यकता पर सवाल उठाया गया है। इस पत्र में यह भी दावा किया गया है कि यह परियोजना शहर और क्षेत्र के पर्यावरण के साथ-साथ करदाताओं के पैसों की बर्बादी है। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि इस परियोजना के लिए मार्ग पर लगभग दो सौ साल पुराने 115 पेड़ों को कटाई की जाने वाली है। कोर्ट ने इस पत्र पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए मामले में सुमोटो जनहित याचिका दायर करने के आदेश दिए थे। साथ ही कोर्ट ने इस याचिका में एड. कुलदीप महल्ले को न्यायालय मित्र के तौर पर नियुक्त किया है।

मनपा ने मंजूरी नहीं दी है : मामले में बुधवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। तब न्यायालय मित्र एड. कुलदीप महल्ले ने फ्रीडम पार्क मेट्रो स्टेशन मार्ग पर बॅरिकेट लगाकर टनल का काम शुरू किए गए फोटोग्राफ कोर्ट में प्रस्तुत किए। साथ ही महामेट्रो के इस काम पर आपत्ति जताते हुए एड. महल्ले ने कोर्ट को बताया कि परियोजना के लिए पेड़ कटाई को लेकर महामेट्रो द्वारा मनपा के वृक्ष प्राधिकरण में अर्जी दायर की है, लेकिन मनपा ने अब तक इसे मंजूरी नहीं दी है। इसके बाद भी महामेट्रो द्वारा काम शुरू किया गया है। इस सारे मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने महामेट्रो को जमकर फटकारा। इसके बाद महामेट्रो ने कोर्ट ने माफी मांगते हुए तत्काल बॅरिकेड्स हटाने का आश्वासन दिया। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 12 जून को रखी है। मनपा की ओर से एड. जेमिनी कासट और महामेट्रो की ओर से एड. उदय डबले ने पैरवी की।

Created On :   9 May 2024 4:34 PM IST

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