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उर्जा: अब पेंच की व्यवस्था चलेगी सोलर पर , शीघ्र ही बिछाई जाएगी सोलर पैनल की परत
- महाराष्ट्र का पेंच 789 वर्ग किमी में फैला जंगल
- हर साल यहां बाघों की संख्या बढ़ रही
- लाखों रुपए के बिजली बिल से राहत मिलेगी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जल्द ही महाराष्ट्र के पेंच व्याघ्र प्रकल्प की व्यवस्था सोलर की बिजली पर निर्भर रहने वाली है, जिससे एक ओर लाखों रुपये की बचत होगी, वही दूसरी ओर बिजली कटने की समस्या से निजात मिलेगी। यहां परिसर के इमारतों से लेकर शेड के ऊपर सोलर की परत बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है।
पर्यटक होंगे आकर्षित : महाराष्ट्र का पेंच 789 वर्ग किमी में फैला जंगल है। यहां दो रेंज हैं, जिसमें 6 से ज्यादा बीट भी हैं। इसमें पवनी युनी कंट्रोल, देवलापार, ईस्ट पेंच, चोरबाहुली, सालेघाट आदि बीट आती है। जल्दी यहां दो नई बीट बनाई जाने वाली है, ताकि और भी ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। हर साल यहां बाघों की संख्या बढ़ रही है। वर्तमान में यहां 53 से ज्यादा बाघ हैं। हरियाली से सराबोर इस परिसर मे ठंड व ग्रीष्म में तेज धूप पड़ती है, जिसका फायदा अब वन विभाग बिजली पैदा करने में उठाने वाला है।
विभाग को यह उम्मीद : दरअसल, यहां पेंच के कार्यालय, कमर्शियल बिल्डिंग और पर्यटकों के ठहरने के लिए निवास स्थान बनाए गए हैं, जो काफी बड़े हिस्से में फैले हैं। वन विभाग अब इन पर सोलर सिस्टम लगा रहा है। विभाग का मानना है कि इससे बड़ी मात्रा में बिजली पैदा होगी, जिसका उपयोग पेंच की पूरी व्यवस्था को चलाने के लिए किया जा सकता है। अचनाक बिजली गुल होना या बहुत ज्यादा बिल आने जैसी समस्या से राहत मिलने वाली है। बिजली का सोर्स मिलने से वर्तमान में आ रहा लाखों रुपए के बिजली बिल से राहत मिल सकेगी।
वर्तमान में लाखों का बिल, सोलर सिस्टम से दोतरफा राहत : पेंच की व्यवस्था बहुत बड़ी है। यहां निवास स्थान से लेकर कार्यालय आदि में प्रति दिन बड़ी मात्रा में बिजली की खपत होती है। कई बार बिजली बंद रहने जैसी स्थिति भी आती है। खासकर ग्रीष्म में यहां बिजली की खपत बहुत बढ़ जाती है। सोलर सिस्टम से दोतरफा राहत तय है। हालांकि इसके लिए पहले वन विभाग को करोड़ों खर्च भी करने पड़ रहे हैं।
Created On :   4 Jun 2024 8:35 AM GMT