नागपुर: सत्र समाप्त, लौटी सरकार, जानिए- किसे बोलने ही नहीं दिया गया

सत्र समाप्त, लौटी सरकार, जानिए- किसे बोलने ही नहीं दिया गया
  • हमें बोलने ही नहीं दिया गया - विपक्ष ने किया सभात्याग
  • विपक्ष ने किया सभात्याग
  • विदर्भ को लेकर विपक्ष ने सत्र में एक भी चर्चा का प्रस्ताव नहीं दिया

डिजिटल डेस्क, नागपुर. किसान व मराठा आरक्षण के मुद्दे के साथ गर्माया विधानमंडल का शीतसत्र समाप्त हो गया है। 26 फरवरी को मुंबई में विशेष सत्र होगा। सत्र को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष ने अलग अलग दावे किए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि कामकाज की दृष्टि से यह सत्र विदर्भ सहित राज्य के विषयों को न्याय देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ है। उन्होंने विपक्ष व आत्मविश्वास खोनेे के आरोप लगाए। विपक्ष ने पलटवार करते हुए कहा है कि संख्याबल के अाधार पर सत्तापक्ष ने मनमानी की। सत्र आयोजन की केवल औपचारिकता निभायी गई।

खास बातें - 17 नए विधेयक रखे गए

 विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार व विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कहा है कि सत्तापक्ष को अब राज्य की जनता जवाब देगी। 7 दिसंबर का सत्र आरंभ हुआ। 14 दिन के सत्र में 10 दिन कामकाज हुआ।

 खास बात रही कि हंगामा या किसी अन्य कारण से कामकाज का एक घंटा भी व्यर्थ नहीं गया। दोनों सभागृह में 17 नए विधेयक रखे गए। उनमें से 12 स्वीकृत कर लिए गए।

 सबसे महत्वपूर्ण लोकायुक्त विधेयक को मंजूर कर लिया गया। अतिवृष्टि, असमय बारिश, ओलावृष्टि व अन्य आपदा के कारण कृषि संकट का विषय गूंजता रहा। सरकार ने किसान व कृषि हित में लिए जा रहे निर्णयों की जानकारी दी।

 किसी तरह का राहत पैकेज घोषित नहीं किया गया, लेकिन धान उत्पादकों के लिए 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर बोनस की घोषणा की। पूर्व विदर्भ व कोंकण क्षेत्र में धान उत्पादकों की संख्या अधिक है। किसान आत्महत्या रोकने सहित अन्य विषयों को लेकर टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया जाएगा। -प्याज उत्पादकों के लिए प्रति क्विंटल 350 रुपये की मदद की घोषणा की गई। सरकार ने दावा किया है कि किसानों के लिए 44 हजार करोड़ से अधिक की सहायता योजना लागू की गई है। आरक्षण विषय पर 3 दिन चर्चा चली।

हमें बोलने ही नहीं दिया गया - विपक्ष ने किया सभात्याग

शीतसत्र समाप्त होने के कुछ समय पहले विधानसभा में विदर्भ का मुद्दा गर्माया। विदर्भ को न्याय के विषय को लेकर सत्तापक्ष ने विपक्ष को घेरने का प्रयास किया। जवाब में विपक्ष ने यह कहकर सभात्याग किया कि बहुमत के बल पर सत्तापक्ष विपक्ष को बोलने नहीं दे रहा है। विपक्ष जिन विषयों को लेकर प्रस्ताव देता है, उसी पर सत्तापक्ष अपने सदस्य के माध्यम से चर्चा प्रस्ताव स्वीकृत करा लेता है।

विपक्षी पाले में डाली गेंद

नियम 293 के अंतर्गत चर्चा का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विदर्भ को लेकर विपक्ष ने सत्र में एक भी चर्चा का प्रस्ताव नहीं दिया। अंतिम सप्ताह प्रस्ताव में विदर्भ की चर्चा होती है। नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले विदर्भ से हैं लेकिन दोनों ने विदर्भ के विषय पर चर्चा नहीं की। विदर्भ में आए विपक्ष को विदर्भ का ध्यान ही नहीं है। अंतिम सप्ताह प्रस्ताव नेता प्रतिपक्ष रखते हैं लेकिन इस बार कांग्रेस के अध्यक्ष ने रखा है।

फिर भी कहा-अन्याय नहीं होने देंगे

दोनों पक्ष में बहस के बीच उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि विदर्भ पर अंतिम सप्ताह प्रस्ताव नहीं दिए जाने की बात ध्यान में आने पर विदर्भ को मेरी बात से मिर्ची लग गई है। विपक्ष का चेहरा सामने आ गया है। तब विपक्ष ने सभात्याग कर दिया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष के सभात्याग पर कहा कि हतबल विपक्ष मगरमच्छ के आंसू बहा रहा है। उसे विदर्भ से कोई प्रेम नहीं है। मुख्यमंत्री ने विदर्भ में विकास योजनाओं व निधि प्रस्ताव के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि विदर्भ के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

Created On :   21 Dec 2023 6:44 PM IST

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