सम्मान: वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मधुकर जोशी, आशा पांडे को मिलेगा विशेष पुरस्कार

  • विदर्भ साहित्य संघ की वर्षगांठ पर होगा सम्मान
  • 14 जनवरी को 101वां वार्षिकोत्सव समारोह
  • साहित्य प्रेमी होंगे शामिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ साहित्य संघ के 14 जनवरी को आयोजित 101वें वार्षिकोत्सव समारोह में वरिष्ठ साहित्यिक शोधार्थी डॉ. मधुकर रामदास जोशी और वरिष्ठ लेखिका आशा पांडे को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। डॉ. मधुकर जोशी व्यासंगी साहित्य शोधकर्ता हैं। महाराष्ट्र में पांचों भक्ति संप्रदायों पर डाॅ. जोशी के मौलिक शोध को सर्वत्र मान्यता मिली है। इस शोध के लिए डॉ. जोशी को महाराष्ट्र सरकार द्वारा "ज्ञानोबा-तुकाराम' पुरस्कार देकर भी सम्मानित किया गया है। डॉ. जोशी को विदर्भ साहित्य संघ द्वारा "साहित्य वाचस्पति' की सर्वोच्च मानद उपाधि घोषित की गई है। लेखिका आशा पांडे का नाम नागपुर विदर्भ के साहित्यिक क्षेत्र में एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में जाॉना जाता है।

"साहित्य विहार' संस्था की संस्थापक आशा पांडे एक उत्तम लेखिका और कवयित्री होने के साथ-साथ पहली मराठी ग़ज़ल लेखिका भी हैं। उन्होंने कई उभरते लेखकों को मंच प्रदान किया है। पिछले छह दशकों में उनकी साहित्यिक उपलब्धियों और संगठनात्मक कौशल के लिए विदर्भ साहित्य संघ द्वारा उन्हें "साहित्य सेवा गौरव पुरस्कार" घोषित किया गया है। इन दोनों गणमान्य व्यक्तियों को 14 जनवरी को विदर्भ साहित्य संघ के 101 वे वार्षिकोत्सव समारोह में मान्यवरों के हाथों से पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

साहित्य प्रेमियों ने डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र को सुना भी और गुना भी

विश्व हिंदी दिवस की पूर्व संध्या संतरा नगरी नागपुर के साहित्य प्रेमियों के लिए मानो गीतों और कविता की अनमोल सौगात लेकर आई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुप्रसिद्ध गीतकार और साहित्यकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र (देहरादून) के नव गीतों पर नागपुर के श्रोता झूमते नज़र आए। अखिल भारतीय हिंदी संस्था संघ, नई दिल्ली और महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे (विदर्भ प्रांत) के तत्वावधान में आयोजित "डॉ बुद्धिनाथ को सुनो और गुनो’ कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी और हिंदी सेवी डॉ. गिरीश गांधी ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डॉ. भूषण कुमार उपाध्याय ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।

संस्था के अध्यक्ष अजय पाटील ने स्वागत भाषण और प्रस्ताविक किया। समारोह का संचालन सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मनोज सल्पेकर ने किया। स्थानीय कवि संतोष बादल, मुकेश कुमार सिंह तथा साक्षी देवते ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार, कवि, लेखक और पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Created On :   10 Jan 2024 10:18 AM GMT

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