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सफर: नागपुर-दुर्ग लाइन घाट सेक्शन में सीधी होंगी पटरियां , बढ़ेगी रफ्तार
- दो जगह तीखे मोड़ को कम करेगी रेलवे
- लंबाई में कुछ किमी का पड़ेगा फर्क
- पुरानी पटरियों से गाड़ियों को ले जाने में होती है परेशानी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर से दुर्ग थर्ड व फोर्थ लाइन की घोषणा वर्षों पहले की गई। काम भी शुरू किया, लेकिन रेलवे को घाट सेक्शन में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। बाकी जगह तो ठीक है, लेकिन सालेकसा से दरेकसा 11 किमी व पनीयाजोग से बोरतालाब, 9 किमी तक तीखा मोड़ रेलवे के लिए किसी चुनौती बना हुआ है, लेकिन अब इस मोड़ को कम किया जाने वाला है, ताकि यहां से गाड़ियों का परिचालन तेज हो सके। हालांकि, ऐसा करने से लंबाई में कुछ किमी का फर्क जरूर पड़ेगा।
वर्ष 2014-15 में हुई थी थर्ड लाइन की घोषणा वर्ष 2014-15 में तत्कालीन रेल मंत्री ने नागपुर से बिलासपुर थर्ड लाइन की घोषणा की। जिसके बाद से यहां नई लाइन बिछाने का काम भी शुरू हो गया है। इसमें दपूम रेलवे नागपुर मंडल की हद में नागपुर से दुर्ग सेक्शन आता है। इसमें अप व डाउन लाइन पर पनीयाजोग-बोरतालाब स्टेशन, दरेकसा से सालईकसा स्टेशन, गोंदिया से गंगाझरी स्टेशन, गोंदिया से गुदमा स्टेशन व पनीयाजोग से डोंगरगढ़ के बीच बड़े मोड़ हैं। बाकी जगह पटरियां बिछाने में रेलवे को ज्यादा परेशानी नहीं हुई, लेकिन सालेकसा से दरेकसा व पनीयाजोग से बोरतलाब के बीच में लाइन बनाने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि यह घाट सेक्शन है।
6 डिग्री मुड़ी है : इस सेक्शन में पुरानी पटरियों से गाड़ियों को ले जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि यह जगह 6 डिग्री मुड़ी है। वही ट्रेन को मोड पर ऊंचाई की ओर बढ़ना पड़ता है। यहां कई बार गाड़ियों को डबल इंजिन लगाकर आगे बढ़ाना पड़ता है, जिसमें समय काफी बर्बाद होता है। ऐसे में नई बनाई जाने वाली लाइन को रेलवे को एडवांस करना जरूरी है, ताकि वर्तमान में आने वाली समस्याओं का सामना न करना पड़े। अब रेलवे ने इन तीखे मोड़ को सीधा करने का निर्णय लिया है। इसे 3 डिग्री तक सीधा किया जाएगा। ऊंचाई को भी कम किया जाएगा। हालांकि, यह एक्सीस्टिंग लाइन से बाहर रहेगी, जिससे 2 से 3 किमी का फर्क पड़ेगा। हालांकि, स्पीड बढ़ने पर यह किमी कोई मायने नहीं रखेगा।
नागपुर-बल्लारशाह सेक्शन में भी कई मोड़ : इसी तरह नागपुर से बल्लारशाह सेक्शन में भी कई जगह मोड़ रहने से इसे सीधा करने पर इनकी वर्तमान 171 किमी की दूरी 181 तक पहुंच सकती है, लेकिन तब यहां दौड़ने वाली ट्रेनों की रफ्तार वर्तमान रफ्तार से 20 से 50 किमी प्रति घंटा ज्यादा रहने से यह फासला अभी की तुलना जल्दी पूरा किया जा सकेगा।
...तो 100 की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन : वर्तमान में उक्त दोनों सेक्शन में तीखा मोड़ रहने के कारण गाड़ियों को 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कुल 19 किमी तक चलाया जाता है। जिसके कारण समय बर्बाद होता है, लेकिन लाइन को सीधा करने के बाद यहां से ट्रेनों की स्पीड 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंचाने में दिक्कत नहीं होगी। दूसरे इंजिन भी नहीं लगाना पड़ेगा।
Created On :   26 Jun 2024 2:12 PM IST