निगहबानी: पेंच प्रकल्प में वन्यजीवों पर नजर रखने बढ़ाई गई संरक्षित कुटियों की संख्या

पेंच प्रकल्प में वन्यजीवों पर नजर रखने बढ़ाई गई संरक्षित कुटियों की संख्या
  • 80 कुटी से वन्यजीवों पर रखी जा रही नजर
  • जंगल के हर क्षेत्र में प्रोटेक्शन हट
  • ग्राम वासियों को उपलब्ध होता है रोजगार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन्यजीवों और जंगल में अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग की ओर से संरक्षित कुटी (प्रोटेक्शन हट) तैयार की गई हैं। इनसे सफलता मिलने के बाद अब लगातार इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है। वर्तमान स्थिति में इनकी संख्या 80 कर दी गई है। ऐसे में अब जंगल के हर क्षेत्र में प्रोटेक्शन हट के माध्यम से वन्यजीवों और जंगल को सुरक्षित रखना आसान हो जाएगा।

युवाओं को मिलता है रोजगार : नागपुर जिले के पेंच व्याघ्र प्रकल्प में तेजी से बाघों की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा तेंदुओं से लेकर अन्य वन्यजीवों की संख्या भी बढ़ी है। वन्यजीवों की संख्या बढ़ने के साथ ही जंगल में अापराधिक गतिविधियां भी बढ़ी हैं। अवैध शिकार के साथ कई वन्यजीव इंसानी इलाकों में पहुंचने से मानव-वन्यजीव संघर्ष भी पैदा हो रहे हैं। ऐसे में वन विभाग ने पेंच व्याघ्र प्रकल्प में संरक्षित कुटी बनाने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें स्थानीय ग्रामीण युवाओं को रोजगार दिया जाता है। गत वर्ष तक इनकी संख्या 65 थी, लेकिन इस साल इनकी संख्या बढ़ाकर 80 कर दी गई है। इसके अलावा भविष्य में यह फिर से बढ़ाई जाने वाली है।

क्या हैं प्रोटेक्शन हट : संरक्षित कुटी जंगलों के बीच बनाई जाती हैं। जहां 100 से ज्यादा ग्राम वासियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उन्हें यहां रहने का काम दिया गया है। उनका काम वन्यजीवों की गतिविधियां समझना और अवैध शिकार को रोकना है, वहीं गार्ड की मदद से उनके साथ पेट्रोलिंग करना भी है। इससे एक ओर वन्यजीवों का संरक्षण हो रहा है, वहीं दूसरी ओर गांव के बेरोजगारों को काम मिल रहा है। प्रोटेक्शन हट में रहने के लिए सभी तरह की व्यवस्था रहती है। जैसे रोशनी, पीने का पानी, खाना आदि। इन संरक्षित कुटी के इर्द-गिर्द लगी फैंसिंग से जानवरों भीतर नहीं आ पाते हैं। ऐसे में प्रशिक्षित लोगों को यहां रखकर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

Created On :   11 July 2024 11:35 AM GMT

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