अनुसंधान: कोलन कैंसर को मात देगा कैप्सूल, 21 दिन तक चूहों पर सफल प्रयोग

कोलन कैंसर  को मात देगा कैप्सूल, 21 दिन तक चूहों पर सफल प्रयोग
  • ‘महाज्योति' के शोधकर्ता ने की खोज
  • कैंसर के 200 से भी अधिक प्रकार हैं
  • डा. देवकर ने 4 साल में थीसिस पूरी की

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कैंसर नाम सुनते ही लोगों में खौफ बन जाता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों में कैंसर हो सकता है। अगर सही समय पर कैंसर की पहचान कर समय पर उसका उपचार शुरू कर दिया जाए, तो कैंसर ठीक हो जाता है। सही समय पर जांच और उपचार नहीं होने के कारण यह लाइलाज हो जाता है। कैंसर के 200 से भी अधिक प्रकार हैं। इनमें से एक है कोलन कैंसर।

नैनो कणों का अध्ययन : कोलन कैंसर के निराकरण का शोध महात्मा ज्योतिबा फुले अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (महाज्योति) की संशोधक डाॅ. सविता श्रीकांत देवकर ने किया है। प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसाइटी मॉडर्न कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्राध्यापक डॉ. करीमुन्निसा शेख के मार्गदर्शन में डा. देवकडा. देवकर ने 4 साल में थीसिस पूरी कीर ने 4 साल में थीसिस पूरी की।

सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय अंतर्गत डाॅ. देवकर का पीएचडी विषय था-‘कैंसर रोधी प्रभाव के लिए संभावित दवाओं की लक्षित दवा वितरण प्रणाली का निर्माण और विकास'। उन्होंने शोध में बताया है कि नैनो कणों के विश्लेषण के बाद इस कैप्सूल की रूप-रेखा तय की गई है, जो कोलन कैंसर रोग के निराकरण में प्रभावी भूमिक अदा करेगा। बता दें कि ‘महाज्योति' के माध्यम से ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी श्रेणी के पीएचडी शोध छात्रों को ट्यूशन फीस के माध्यम से वित्तीय सहायता दी जा रही है। डॉ. सविता देवकर ने छात्रवृत्ति के लिए महाज्योति का आभार माना है।

90 % सफलता : चार साल तक अध्ययन के बाद डॉ. देवकर ने इस कैप्सूल का फार्मूला विकसित किया। चूहों को 21 दिनों तक इसे देने के बाद 85 से 90 प्रतिशत सकारात्मक परिणाम देखे गए हैं। महाज्योति के प्रबंध निदेशक राजेश खवले ने कहा कि देश के लिए शोधकर्ताआें की उपलब्धियां काफी अहम हैं। महाज्योति इन शोधकर्ताआें को बढ़ावा देती है।


Created On :   23 July 2024 11:38 AM IST

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