राजनीति: महाविकास आघाड़ी के सभी घटक दलों में सीट बंटवारे का फार्मूला अभी तय नहीं : पटोले

महाविकास आघाड़ी के सभी घटक दलों में सीट बंटवारे का फार्मूला अभी तय नहीं : पटोले
  • घटक दलों के 100-100 सीट की खबर पर भड़के
  • राज्य में सूखे की स्थिति, लेकिन सरकार कहीं नहीं
  • कहा - बैठक के बाद तय होगी रणनीति

डिजिटल डेस्क, नागपुर । लोकसभा चुनाव में सफलता मिलने के बाद महाविकास आघाड़ी के सभी घटक दलों की ओर से 100-100 सीटों पर दावा करने की खबरें आ रही है। इस पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले मीडिया पर खासे नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा की 288 सीटें हैं। प्रत्येक को 100 जगह देने पर 300 जगह तैयार करनी होगी। पटोले ने स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव को लेकर आघाड़ी का कोई फार्मूला तय नहीं हुआ है। जल्द महाविकास आघाड़ी के सभी घटक दल एक साथ बैठेंगे और विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे। इसके बाद मेरिट अनुसार जगह बंटवारे का फार्मूला तय किया जाएगा।

सरकार पर सीधा आरोप : नागपुर में बात करते हुए नाना पटोले ने कहा कि राज्य में सूखा सदृश्य परिस्थिति है। राज्य के विविध क्षेत्र में उष्माघात से अनेकों की जान गई है। सूखाग्रस्त किसान आत्महत्या कर रहा है। पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची है। महिलाओं को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। कंपनी में हुए विस्फोट और दुर्घटना में अनेकों की जान गई है। पिछले कुछ दिनों में राज्य में कीड़े-मकोड़ों की तरह लोग मर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार सिर्फ टेंडर निकालने, निधि बांटने और कमिशन लेने में व्यस्त है। सरकार को लोगों के जीने-मरने से कोई लेना-देना नहीं है।

पेयजल संकट से गुजर रहे लोग : जून महीना समाप्त होने को है, लेकिन राज्य के अनेक हिस्सों में बारिश नहीं हुई है। जनता भयंकर सूखे का सामना कर रही है। लोगों को पीने को पानी नहीं है। जानवरों को चारा नहीं है। राज्य में टैंकर माफिया और बोगस बीज खुले आम बिक रही है। सरकार कहीं नहीं दिख रही है। राज्य इतने भयानक परिस्थिति का सामना कर रहा है, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के मंत्री विदेश में जाकर ठंडी हवा ले रहे हैं। राज्य में उष्माघात से कितने लोगों की जान गई है, यह सरकार को खुलासा करना चाहिए।

सवाल यह भी : विदेश में जाने के लिए मंत्री को केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होती है, इसकी अनुमति ली है क्या? इनके विदेश दौरों का कौन खर्च कर रहा है? आदि सवालों के जवाब सरकार को देने चाहिए। मुख्यमंत्री का मंत्री और प्रशासन पर पकड़ नहीं रही है। नीट परीक्षा के पेपर लीक होने और नतीजों के कारण लाखों विद्यार्थियों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। जगह-जगह विद्यार्थी आंदोलन कर रहे हैं। सरकार ने अभी तक इसका संज्ञान नहीं लिया है।

Created On :   18 Jun 2024 11:14 AM IST

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