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एफडीए सुस्त: सालभर में लिए दूध के सिर्फ 106 सैंपल 21 सैंपल की अभी भी रिपोर्ट आना बाकी
- बढ़ रही दूध की मांग लेकिन जांच नहीं
- 80 सैंपल प्रमाणित पाए गए हैं
- 21 सैंपल की अभी भी रिपोर्ट आना बाकी है
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिले में प्रति दिन दूध पीनेवालों की संख्या ज्यादा है। लेकिन उत्पादन कम। ऐसे में बाहरी जिलों से दूध यहां लाकर बेचा जाता है। जो कई बार कम रहता है। ऐसे में दूध में मिलावट की आशंका बढ़ जाती है। बावजूद इसके संबंधित विभाग इसकी जांच-पड़ताल को लेकर सुस्त है। यह हम नहीं खुद आंकड़े बयां कर रहे हैं। गत एक साल में केवल 106 सैंपल लिए गये हैं। जिसमें 21 की रिपोर्ट नहीं आई है। इसमें 80 सैंपल प्रमाणित पाए गए हैं। बाकी में मिलावट देखी गई है। जिले की बात करें तो यहां प्रति दिन छोटे-छोटे ग्रामीण क्षेत्रों से दूध आता है। जिसे पूरे जिले में लोगों की जरूरत के अनुसार वितरित किया जाता है। लेकिन वर्तमान स्थिति में जरूरत से एक लाख लीटर दूध कम आ रहा है। ऐसे में दूध में मिलावट होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। ज्यादातर पानी की मात्रा मिली रहने से दूध से मिलनेवाला फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है। गत वर्ष के आंकड़े यही बयां कर रहे हैं। वर्ष 2023-24 में 106 सैंपल में से 5 सैंपल में मिलावट पाई गई है। वहीं 21 की रिपोर्ट अभी भी आई बाकी है।
बिना रिपोर्ट कैसे होगी कार्रवाई
गत चार महीने के मिले ताजा आंकड़ों के अनुसार नागपुर जिले से एफडीए ने केवल 43 सैंपल लिए हैं। किसी भी खाद्य पदार्थ के सैंपल की रिपोर्ट 15 दिन में आनी चाहिए, जिससे इन पर कार्रवाई करना संभव हो सके। लेकिन गत चार महीने में लिए एक भी सैंपल की रिपोर्ट अभी तक नहीं आ सकी है।
इस तरह से होता है दूध प्रमाणित
दूध को प्रमाणित होने के लिए इसमें मिल्क फैट व एसएनएफ (सॉलिड नॉट फैट) की मात्रा पैरामीटर में होना आवश्यक है। लेकिन अप्रमाणित पाए गए सैंपल में मिल्क फैट की मात्रा व एसएनएस की मात्रा पैरामीटर से कम पाई गई है। इस तरह का दूध पीना सेहत के लिए घातक तो नहीं है। लेकिन इस तरह का दूध बेचना एक तरह से ग्राहकों के साथ धोखा जैसा होता है। क्योंकि ग्राहक जो पैसा देता है, उस स्टैर्ण्डड का उन्हें दूध नहीं मिलता है।
इस तरह आता है, नागपुर में दूध
दूध संकलन नागपुर विभाग की ओर से मिले आंकड़ों के अनुसार जिले में प्रति दिन 2 लाख 46 हजार 70 लीटर दूध लगता है। लेकिन एक दिन में संकलन महज 1 लाख 41 हजार 6 सौ 81 लीटर होता है।
स्टाॅफ कम होने से रिपोर्ट आने में देरी
के. जयपुरकर, सह आयुक्त, अन्न व औषधि विभाग के मुताबिक हमारी ओर से दूध सैंपलिंग लगातार होती रहती है। स्टाफ कम होने से रिपोर्ट आने में देरी होती है। लेकिन मिलावट पाये जानेवालों के खिलाफ में मामले दर्ज भी किए हैं।
Created On :   7 Jun 2024 7:01 AM GMT