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कार्रवाई: बड़े अधिकारियों को भनक तक नहीं, 44 हजार किलो की सुपारी पर कार्रवाई को लेकर उठ रहे सवाल
- पूरी जानकारी देने में अधिकारी करते रहे आनाकानी
- सुपारी किसकी है, कितनी जब्त की बताने से किया इंकार
- जनवरी से अब तक हजारों किलो सुपारी संदेह के आधार पर जब्त
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अन्न व औषधि विभाग की ओर से मंगलवार की दोपहर से सुपारी पर कार्रवाई आरंभ की गई थी। जो दिनभर चुपके-चुपके चलती रही। देर रात तक बड़े अधिकारियों की इसकी भनक तक नहीं लगी, जो हर किसी के समझ से परे है। हद तो तब हो गई, जब एफडीए के वरिष्ठ अधिकारी को बुधवार के दिन भी कार्रवाई की सही तरह से जानकारी नहीं मिली थी। सुपारी किसकी है, कितनी जब्त की आदि के बारे में अधिकारी अनजान रवैया दिखा रहे थे। ऐसे में लगभग 44 हजार किलो की सुपारी पर की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ रही है।
टालते रहे मामला : शहर में आए दिन सुपारी की कार्रवाई होती रहती है। जनवरी से अब तक हजारों किलो सुपारी संदेह के आधार पर जब्त की गई है। सुपारी की जांच आदि के अधिकार अन्न व औषधि विभाग को होता है, लेकिन विभाग इस कार्रवाई में हमेशा पीछे रहता है। जानकारी का अभाव होने की बात कहते रहता है। उपरोक्त मामले में भी बड़ी कार्रवाई मंगलवार को सामने आई थी। सूत्रों की मानें तो विदेशी सुपारी करीब 27 टन जब्त की गई थी। कार्रवाई कामठी में शुरू थी, बावजूद इसके दूसरे दिन तक वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई को छुपाने में लगे रहे। कोई यहां नहीं होने की बात कह रहे थे, तो कोई जानकारी का अभाव होने की बात कहकर मामला टालने की कोशिश करते रहे। ऐसे में सुपारी कार्रवाई को लेकर अधिकारियों का यह रवैया कई सवालों को पैदा कर रहा है।
यह थी कार्रवाई : जानकारी के अनुसार केरल से लगभग 44 हजार किलो की सुपारी नागपुर की ओर आ रही थी, जिसकी कीमत 42 लाख 50 हजार रुपए बताई जा रही थी। सुपारी दर्जाहीन होने के संदेह में अन्न व औषधि विभाग ने कामठी में इसके ट्रक रोकते हुए माल को वहीं पर गोदाम में जब्त कर लिया। सुपारी के सैपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई करने की जानकारी दी गई है।
जांच के लिए भेजा गया है : संदेह के आधार पर लगभग 44 हजार किलो की सुपारी कामठी परिसर में पकड़ी है, जिसका सैपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। सुपारी केरल से आ रही थी, किसकी थी यह रिपोर्ट आने के बाद ही कहा जा सकेगा। कार्रवाई के दिन जो अधिकारी स्पॉट पर थे, उनका फोन नहीं लगने से रात तक जानकारी नहीं मिल सकी थी। -कृष्णा जयपुरकर, सह आयुक्त, अन्न व औषधि विभाग, नागपुर
Created On :   22 Feb 2024 12:28 PM IST