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उष्माघात: अस्पतालों में बुखार- उल्टी दस्त पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी, टाइफाइड के 10 फीसदी मरीज
- सरकारी अस्पतालों में टाइफाइड के 10 फीसदी मरीज
- मेडिकल में प्रतिदिन आ रहे टाइफाइड के 50 मरीज
- सुरक्षा के प्रति लापरवाही मुख्य कारण
डिजिटल डेस्क, नागपुर. उपराजधानी में पिछले कुछ दिनों से तापमान बढ़ा है। बीते हफ्तेभर का औसत तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रहा है। तापमान बढ़ने के साथ ही सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में लू के कारण होने वाली विविध बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसमें टाइफाइड समेत तेज बुखार, उल्टी, दस्त आदि के मरीजों का प्रमाण अधिक है। मेडिकल में पिछले कुछ दिनाें से लू के कारण होने वाली बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। सूत्रों ने बताया कि, मेडिसिन व पीडियाट्रिक विभाग की ओपीडी औसत 500 प्रतिदिन है। इनमें 50 फीसदी मरीज तेज बुखार, उल्टी, दस्त आदि से पीड़ित हैं। मेयो में भी यही स्थिति बनी हुई है। वहीं 10 फीसदी मरीज टाइफाइड से ग्रस्त आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इन मरीजों को लू लगने से बीमारियां हो रही हैं। इसमें सर्वाधिक बीमार तेज बुखार आने से हो रहे हैं। बुखार आने के बाद ही अन्य लक्षण प्रभावी होते हैं।
सुरक्षा के प्रति लापरवाही मुख्य कारण
सूत्रों के अनुसार गर्मी के दिनों में सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतने के चलते बीमारियों का सामना करना पड़ता है। अधिकतर मरीजों में लू लगने का यही कारण पाया जाता है, इसलिए इन दिनों शरीर काे पूरी तरह ढंकना जरूरी होता है। खाली पेट बाहर नहीं निकलना चाहिए। अधिकाधिक पानी पीना चाहिए। दूषित पानी से बचकर, पानी को उबालकर, उसे ठंडा करके पीना अधिक लाभदायी होता है। गर्म हवा भी घातक साबित होती है। इससे बचना चाहिए। बासी भोजन नहीं करना चाहिए। गर्मी का असर सर्वाधिक बच्चों पर हो रहा है। उन्हें गर्मी के दिनों में अधिक परेशानी होती है। इस समय उपराजधानी का मौसम काफी विषम हो चुका है। इसका असर भी स्वास्थ्य पर हो रहा है। ऐसे में खानपान पर ध्यान नहीं देने पर डायरिया का खतरा भी बना है।
मेडिकल में प्रतिदिन आ रहे टाइफाइड के 50 मरीज
गर्मी के दिनों में टाइफाइड के मरीजों की संख्या बढ़ चुकी है। मेडिकल में हर रोज करीब 50 मरीज इस बीमारी से पीड़ित आ रहे हैं। इस बीमारी में मरीज को तेज बुखार, फ्लू, दस्त होते हैं। यह बीमारी बैक्टेरियायुक्त भोजन या पानी से होती है। टाइफाइड की शुुरुआत तेज बुखार से होती है। साथ ही सिरदर्द, बदनदर्द, कब्ज व दस्त आदि होते हैं। इस बीमारी से पीड़ितों का बुखार कम-ज्यादा होता है। मरीज को कमजोरी व थकान महसूस होती है। कुछ मामलों में खांसी, भूख न लगना, पसीना अधिक आना आदि लक्षण दिखायी दे रहे हैं। समय पर उपचार नहीं करने पर आंतों में समस्या, पेट में सूजन आदि विकार होते हैं।
इन बातों से बचें
खाली पेट बाहर न निकलें
पानी को उबालकर पीएं
बासी भोजन न करें
Created On :   26 May 2024 12:50 PM IST