राहत: लीजधारकों को मिला दीपावली का तोहफा

लीजधारकों को मिला दीपावली का तोहफा
शुल्क 8% से घटाकर निवासी संपत्ति पर 0.5 व वाणिज्यिक संपत्ति पर 0.7% किया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर महानगर पालिका अंतर्गत लीज धारकों को दीपावली पर बड़ी भेंट देते हुए राज्य सरकार द्वारा लीज की रहवासी व वाणिज्यिक संपत्ति पर वार्षिक शुल्क 8% से घटाकर क्रमश: 0.5, व 0.7% कर दी गई है। महाराष्ट्र महानगर पालिका (स्थावर मालमत्तेचे भाड़ेपट्टयाद्वारे हस्तांतरण आणि भाड़ेपट्टयाचे नुतनीकरण)नियम 2023 अंतर्गत 7 नवंबर को की गई घोषणा के मुताबिक निवासी जमीन, आवास के लिए वार्षिक शुल्क 0.5 फीसदी व वाणिज्यिक जमीन, दुकानों के लिए वार्षिक शुल्क 0.7 फीसदी निर्धारित की गई है। 3000 से 5000 वर्ग फीट भूखंड के लीज धारकों से शुल्क पुराने दर (0.9%) से ही वसूला जाएगा। राज्य की सभी महानगर पालिकाओं के लिए यह निर्णय लागू होगा। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2019 की भाड़ापट्टा दर के मुताबिक ही शुल्क वसूलने के भी निर्देश राज्य सरकार द्वारा राज्य की सभी महानगर पालिका को दिए हैं।

इसके पहले क्या हुआ : गौरतलब है कि तत्कालीन सरकार द्वारा शुल्क 0.2 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी कर दी गई थी। शासन के इस निर्णय को लेकर तत्कालीन विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा विरोध प्रदर्शित करते हुए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत सरकार से जवाब तलब किया गया था। विरोधी पक्ष नेता की इस भूमिका पर तत्कालीन सरकार द्वारा निर्णय पर स्थगनादेश लगा दिया गया तथा शासन निर्णय होने तक शासन निर्णय के अधीन रहकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे।

विधायक खोपड़े ने उठाया था मुद्दा : शुल्क में 8 फीसदी की वृद्धि के विरोध में विधायक कृष्णा खोपड़े द्वारा विगत तकरीबन डेढ़ वर्ष से शासन से पत्र-व्यवहार किया जा रहा था। विधायक खोपड़े ने दावा किया कि उनका प्रयास सफल हुआ है तथा लगातार पत्र-व्यवहार के मद्देनजर शासन द्वारा भाड़ा पट्टा दर में संशोधन किया गया है। नए नियम लागू होने पर महानगर पालिका अंतर्गत अचल संपत्ति के हस्तांतरण व भाड़ा पट्टा नवीनीकरण में संपत्तिधारकों को राहत मिलेगी।

आयुक्त को अधिकार देने पर हो पुनर्विचार : राज्य सरकार के इस निर्णय पर उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के प्रति भाड़ा पट्टा धारकों द्वारा आभार व्यक्त किए जाने की जानकारी देते हुए विधायक कृष्णा खोपड़े ने कहा कि कुछ मामलों मंे अब भी संशोधन की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि महानगर पालिका द्वारा कर्मचारियों के लिए तैयार किए गए निवासी संकुल की रजिस्ट्री पहले ही कर दी गई थी। अत: यह नियम ऐसी संपत्ति के मामले में लागू नहीं किया जा सकता। इस मामले को संज्ञान में लिया जाना चाहिए। शासन निर्णय के मुताबिक मनपा आयुक्त की अध्यक्षता में 6 अधिकारियों की समिति का गठन संपत्ति का भाड़ा व सुरक्षा जमा के संदर्भ में करना सही नहीं होगा। उन्होंने आपत्ति जताई कि जिन लोगों को 11 माह, 10 वर्ष के लिए लीज पर संपत्ति दी गई है, उन पर भी यह निर्णय लागू किया जाना चाहिए।

Created On :   15 Nov 2023 11:21 AM IST

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