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सुरक्षा व्यवस्था: मेडिकल में बिना प्रवेश पत्र के नो एन्ट्री , भर्ती मरीज के लिए जारी किये जा रहे प्रवेश पत्र
- अब किसी की भी आवाजाही आसान नहीं
- सुरक्षा के लिहाज से अनेक उपाय योजनाओं पर काम जारी
- सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ायी गई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में अब किसी की भी आवाजाही आसान नहीं होगी। यहां सुरक्षा के लिहाज से अनेक उपाय योजनाओं पर काम किया जा रहा है। पिछले दो महीनों में यहां सुरक्षा रक्षकों की संख्या बढ़ायी जा चुकी है। वहीं यहां सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ायी गई है। हाल ही में यहां भर्ती किये जानेवाले मरीजों के साथ आनेवालों को दो प्रवेशपत्र जारी किये जा रहे है। ताकि उन्हें आवाजाही करने में परेशानी ना हो। मेडिकल परिसर में असामाजिक तत्वों पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम बताया गया है।
दो महीने से नियमित जारी प्रवेश पत्र
पिछले कुछ सालों में मेडिकल की सुरक्षा को लेकर अलग-अलग विषयों पर प्रस्ताव तैयार किये गएNow movement of anyone in Government Medical College and Hospital (Medical) will not be easy.है। इनमें से कुछ प्रस्ताव विचाराधीन थे। सरकारी काम होने के कारण प्रस्ताव बनाने, मंजूर होने और अमल होने में महीने बीत जाते हैं। कुछ महीने पहले भर्ती मरीज के साथ आनेवालों के लिए या उनकी देखभाल करनेवालों के लिए प्रवेश पत्र जारी करने का निर्णय लिया गया था। इस पर अमल भी किया गया। कुछ समय बाद प्रवेश पत्र देना बंद कर दिया गया। अब दोबारा इस निर्णय पर अमल किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि पिछले दो महीने से प्रवेश पत्र दिये जा रहे है।
तीन दिन की वैधता, आगे बढ़ाने का विकल्प
मेडिकल में भर्ती किये जानेवाले मरीज के साथ जो होता है, उसे मरीज के दस्तावेज के आधार पर दो प्रवेश पत्र जारी किये जा रहे है। प्रवेश पत्र पर मरीज से मुलाकात करने का समय शाम 4 से 7 बजे तक का उल्लेख किया है। यह प्रवेश पत्र तीन दिन के लिए वैध होता है। यदि मरीज अधिक समय तक भर्ती है तो इंचार्ज सिस्टर के हस्ताक्षर से वैधता बढ़ायी जा सकती है। जिनके पास प्रवेश पत्र होता है, उसे ही भीतर जाने दिया जाता है। इससे परिसर या वार्ड के आसपास घुमनेवाले असामाजिक तत्वों पर रोक लगी है। वहीं यहां मरीज या उनके परिजनों के सामान चाेरी की घटनाएं होना बंद हो चुका है। सूत्रों के अनुसार मेडिकल में रोज औसत 225 मरीजों को भर्ती किया जाता है। उनके साथ परिजन, रिश्तेदार या परिचित आते हैं। जब तक मरीज भर्ती होता है, तब तक बार-बार आवाजाही करनी पड़ती है। प्रवेश पत्र मिलने से उन्हें आवाजाही करने में आसानी हो रही है। वहीं सुरक्षा जवानों को भी अधिक पूछताछ व जांच नहीं करनी पड़ रही है। बताया गया कि हर रोज 400 से अधिक प्रवेश पत्र दिये जा रहे है
Created On :   9 Aug 2024 9:12 PM IST