सैर-सपाटा: विदर्भ को मिली ईको टूरिज्म के लिए विकसित नई मोगरकसा जंगल सफारी

विदर्भ को मिली ईको टूरिज्म के लिए विकसित नई मोगरकसा जंगल सफारी
  • जबलपुर मार्ग पर पवनी से 20 किमी की दूरी पर है
  • परिसर में 6 टेंट का किया निर्माण
  • टॉयलेट भी और तालाब में डेक की सुविधा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ की जंगल सफारी में अब एक और नई मोगरकसा जंगल सफारी शामिल हो गई है। यह सफारी जबलपुर मार्ग पर पवनी से 20 किमी की दूरी पर है।

ईको टूरिज्म के रूप में विकास : मोगरकसा हरियाली से आच्छादित परिसर है। यहां एक तालाब भी है। प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बना यह क्षेत्र वन विभाग के लिए हमेशा से आकर्षण का केन्द्र रहा है। इसे पर्यटकों के लिए शुरू करने की दिशा में विभाग ने तीन साल पहले काम शुरू किया था, जिसे पूरा कर लिया है। पहले परिसर अच्छा रहने के बाद भी सुविधाओं का अभाव होने से लोग यहां घूमने नहीं आते थे। इसे विकसित करने के लिए वन विभाग ने काफी प्रयास किया। वन्यजीवों में बाघ, तेंदुओं के साथ अन्य वन्यजीवों की यहां मौजूदगी है। ऐसे में वन विभाग इसे ईको टूरिज्म के लिए विकसित किया है, जिसके लिए डीपीसी की ओर से एक करोड़ रुपए की निधि मिली थी। इस राशि से परिसर में 6 टेंट का निर्माण किया गया है, जिसमें टॉयलेट की भी सुविधा मिलेगी, साथ ही तालाब में डेक बनाया गया है। इसके अलावा परिसर का सौंदर्यीकरण किया गया है।

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर : काफी समय पहले परिसर की हरियाली देखकर यहां घूमने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन उस दौरान यहां वन्यजीवों की कमी थी। हिरन भी कभी-कभी ही दिखाई देते थे, जिसके कारण लोगों ने आना यहां छोड़ दिया था। जब धीरे-धीरे यहां वन्यजीवों की मौजूदगी बढ़ी, तो वन विभाग ने इसे जंगल सफारी का रूप दिया है। इससे न केवल पर्यटन स्थल विकसित होगा, बल्कि क्षेत्र के स्थानीय बेरोजगारों को भी रोजगार का मिलेगा। इसके लिए वन व्यवस्थापन समिति सहायता करेगी। समिति के लोगों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।

इस जंगल सफारी का औपचारिक उद्घाटन सांसद शामकुमार बर्बे व विधायक आशीष जैस्वाल ने गुरुवार को किया। मुख्य वन संरक्षक ए. श्री लक्ष्मी, पेंच के क्षेत्र संचालक डॉ. प्रभुनाथ शुक्ला आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। कार्यक्रम का नियोजन डॉ. भारत सिंह हाडा ने किया।

Created On :   22 Jun 2024 10:50 AM GMT

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