Nagpur News: बुलडोजर एक्शन पर मनपा ने बिना शर्त माफी मांगी

बुलडोजर एक्शन पर मनपा ने बिना शर्त माफी मांगी
  • महल में उपद्रव के बाद फहीम खान का घर तोड़ा गया था
  • कहा-सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का राज्य सरकार से परिपत्र नहीं मिला

Nagpur News शहर में महल क्षेत्र में हुए उपद्रव के मुख्य आरोपी फहीम खान तथा अन्य आरोपियों के रिश्तेदारों के घर पर बुलडोजर एक्शन हुआ था। मनपा की इस कार्रवाई को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी ने शपथ पत्र दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट के 13 नवंबर 2024 के निर्णय के उल्लंघन के लिए बिना शर्त माफी मांगी। उन्होंने बताया कि मनपा के सक्षम प्राधिकारी और नगर नियोजन विभाग को इस निर्णय की जानकारी नहीं थी, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार या अन्य प्राधिकरणों से कोई परिपत्र प्राप्त नहीं हुआ। इस कारण जोनल अधिकारियों को दिशा-निर्देश नहीं दिए गए।

यह है मामला : फहीम खान की मां जहिरूनिसा शमीम खान और अब्दुल हफीज शेख लाल ने मनपा द्वारा की जा रही बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ नागपुर खंडपीठ में दो स्वतंत्र याचिका दायर की है। इस मामले में न्या. नितीन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई। याचिका के अनुसार, फहीम खान का घर रजा मस्जिद के पास, संजय बाग कालोनी, मौजा चिखली में है। वहीं अब्दुल हफीज शेख लाल का घर जोहरीपुरा, गांधी गेट में है। अब्दुल शेख पर महाराष्ट्र झोपड़पट्टी अधिनियम 1971 की तहत अवैध निर्माण पर नोटिस जारी किया गया। वहीं राज्य प्रादेशिक नियोजन एवं नगर रचना अधिनियम 1966 के तहत फहीम की मां जहिरूनिसा खान को अवैध निर्माण कार्य को लेकर मनपा के आसीनगर जोन ने 21 मार्च को नोटिस जारी किया गया।

घर को ढहाने के नोटिस के खिलाफ 23 मार्च को जहिरूनिसा खान ने मनपा प्रशासन को जवाब दायर किया, लेकिन इस पर असमाधान जताते हुए मनपा ने घर पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई शुरू की। इसलिए याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए 21 मार्च को मनपा द्वारा जारी किया गया नोटिस रद्द करने की और बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मनपा की इस बुलडोजर कार्रवाई पक्षपाती और लक्षित बताया था। साथ ही आगे की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाते हुए मनपा आयुक्त को इस मामले में स्पष्टीकरण दाखिल करने के आदेश दिए थे।

भविष्य में दिशा-निर्देशों का पालन करने का आश्वासन : आदेश के अनुसार मनपा आयुक्त ने मंगलवार को कोर्ट में शपथ पत्र दायर किया। इस शपथ पत्र में मनपा आयुक्त ने स्पष्ट किया कि कार्रवाई 17 मार्च 2025 के महल में हुए उपद्रव के बाद पुलिस आयुक्त के 21 मार्च के पत्र के आधार पर शुरू हुई, जिसमें उपद्रवियों की अनधिकृत संपत्तियों पर कार्रवाई का अनुरोध था। मनपा आयुक्त ने यह भी कहा कि मनपा ने यह बुलडोजर कार्रवाई दुर्भावना से नहीं, बल्कि महाराष्ट्र झोपड़पट्टी अधिनियम तथा राज्य प्रादेशिक नियोजन एवं नगर रचना अधिनियम के तहत की। साथ ही उन्होंने भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन करने का आश्वासन दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर एड. अश्विन इंगाेले, राज्य सरकार की ओर से एड. दीपक ठाकरे, मनपा की आेर से वरिष्ठ विधिज्ञ सुबोध धर्माधिकारी और एड. जेमिनी कासट ने पैरवी की।

मुख्य सचिव को जवाब के लिए आखिरी मौका : कोई व्यक्ति किसी अपराध का आरोपी है, सिर्फ इसी आधार पर उसकी संपत्ति पर बुलडोजर चलाना असंवैधानिक है, ऐसा स्पष्ट निर्णय सर्वोच्च न्यायालय दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के न्या. भूषण गवई और न्या. के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने इसमें विभिन्न अपराधों के आरोपियों के घर तोड़ने को लेकर 13 नवंबर 2024 को दिशा-निर्देशों के रूप में आदेश पारित किए हैं। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई उन आदेशों के अनुसार नहीं हुई। उच्च न्यायालय ने प्रथम दृष्टया इस मामले में तथ्य पाए और राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की थी। चूंकि यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना प्रतीत होती है, इसलिए न्यायालय ने सीधे राज्य के मुख्य सचिव को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था, लेकिन मुख्य सचिव ने जवाब दायर करने के लिए दो सप्ताह की अवधि देने का अनुरोध किया। इस पर कोर्ट ने मुख्य सचिव को जवाब के लिए आखिरी मौका दिया है।

Created On :   16 April 2025 11:59 AM IST

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