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एक्शन: 87 सफाई कर्मचारी -28 निरीक्षकों को थमाया नोटिस, ऑनलाइन निरीक्षण में हुई थी देरी
- मनपा की ऑनलाइन निरीक्षण में देरी से आने वालों पर गाज
- ड्यूटी में बरतते हैं कोताही
- स्वच्छता सर्वेक्षण से सबक
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा के घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष ने पांच दिन पहले सफाई कर्मचारियों, दोनों कचरा संकलन एजेंसियों और शौचालय सफाई की नई व्यवस्था शुरू की है। केन्द्रीकृत निगरानी व्यवस्था (सेन्ट्रलाइज्ड इंटीग्रेटेड मानिटरिंग सिस्टम) में सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर गड़बड़ी सामने आई है। स्मार्ट-वॉच और डैशबोर्ड निगरानी में पांच जोन के 87 सफाई कर्मचारी, 28 स्वच्छता निरीक्षक सहित जोन अधिकारी भी लापरवाह पाए गए हैं। इन जोन में मंगलवारी, धंतोली, लकड़गंज और हनुमान नगर जोन के कर्मचारियों का समावेश है। साथ ही डैशबोर्ड में 120 कर्मचारी देरी से आने अथवा अनुपस्थित रहने की जानकारी दर्ज हुई है। इन कर्मचारियों को भी नोटिस दिया गया है। नई व्यवस्था में उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान करने को लेकर प्रयास करने की जानकारी अधिकारियों ने दी है।
ड्यूटी में बरतते हैं कोताही
मनपा प्रशासन ने शहर में स्वच्छता के लिए दो शिफ्ट में सफाई कर्मचारियों को तैनात किया है। सुबह 6 से दोपहर 2 बजे और दोपहर 2 से रात 10 बजे तक सफाई की जिम्मेदारी दी गई है। जीपीएस घड़ी के माध्यम से चिह्नित क्षेत्र में कर्मचारियों के पहुंचने की उपस्थिति दर्ज होती है, लेकिन घड़ी की बैटरी डाउन होने सहित अन्य तकनीकी कारणों को देकर कर्मचारी सेवा देने में कोताही करते रहे। ऐसे में अब केन्द्रीकृत ऑनलाइन निरीक्षण व्यवस्था को अटलबिहारी वाजपेयी सिटी आपरेशन सेंटर से जोड़ा गया है। सुबह 6 की शिफ्ट में 8 बजे तक उपस्थिति नहीं दर्ज होने पर कर्मचारी को गैरहाजिर माना जाता है।
मनपा के घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष के सफाई कर्मचारियों, जमादार और स्वच्छता निरीक्षकों को 5911 जीपीएस घड़ियां दी गई हैं। इस घड़ी के माध्यम से सफाई कर्मचारी के चिह्नित क्षेत्र में मौजूद रहने और सफाई पर निगरानी की जा रही है। पिछले पांच दिन में 87 सफाईकर्मी, 28 स्वच्छता निरीक्षक और 5 जोन अधिकारियों को देरी से पहुंचने को लेकर नोटिस दिया गया है। लगातार देरी होने पर दंड के साथ वेतन कटौती करने की चेतावनी भी प्रशासन ने दी है।
स्वच्छता सर्वेक्षण से सबक
10 जोन में सड़कों एवं सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता करने वाले कर्मचारियों पर निगरानी की व्यवस्था है। सफाई कर्मचारियों पर स्वच्छता निरीक्षकों को निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गई है। हाल ही में जारी स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 की रिपोर्ट में शहर को 1 लाख से अधिक आबादी वाले 448 शहरों में 86वां स्थान प्राप्त हुआ है। सर्वेक्षण में कचरा मुक्त शहर (गार्बेज फ्री सिटी) रैंकिंग में अंक नहीं मिलने को लेकर खासी शर्मसार स्थिति हुई है। ऐसे में अब शहर की सड़कों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया गया है। अब स्वच्छता को लेकर प्राथमिकता से मापदंड और निगरानी की व्यवस्था की जा रही है।
नई व्यवस्था में ऑनलाइन निगरानी
डॉ. गजेन्द्र महल्ले, उपायुक्त, घनकचरा व्यवस्थापन कक्ष, मनपा के मुताबिक पांच साल पहले शहर में सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर जीपीएस घड़ियां मुहैया कराई गई हैं, लेकिन घड़ी में तकनीकी खराबी का हवाला देते हुए कर्मचारी लापरवाही करते रहे हैं। अब नई व्यवस्था में घड़ी और ऑनलाइन ऐप को निगरानी के लिए जोड़ा गया है। इस व्यवस्था में सफाई कर्मचारियों के साथ जमादार और स्वच्छता निरीक्षक भी निगरानी के दायरे में हैं। लापरवाही को लेकर कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई है। बावजूद लापरवाही बरतने पर दंडात्मक कार्रवाई और वेतन कटौती की जाएगी।
Created On :   29 Jan 2024 1:23 PM GMT